लाइव हिंदी खबर :- भोपाल के रायसेन किले में आज भी मौजूद है पारस पत्थर। जिन्न करता है रखवाली, इस वजह से लोग पहुंचने में हुए नाकाम। पारस पत्थर के बारे में हमने कई दफा सूना है। किसी भी चीज को सोने में बदलने की क्षमता रखने वाली इस पत्थर से जुड़ी कहानियां हमने बचपन में काफी पढा है। इस बारे में जानने के बाद हमारे दिमाग में बस यही बात आती थी कि काश हमारे पास भी पारस पत्थर होता।
अब सवाल ये आता है कि जिस पत्थर के किस्से और कहानियां इतने प्रचलित हैं क्या वो वास्तव में मौजूद है? तो इस सवाल का जवाब है हां, पारस पत्थर आज भी मौजूद है। दुनिया में स्थित एक किले में पारस पत्थर को रखा गया है और ये किला कही और नहीं बल्कि भारत में स्थित है।
जी, हां भोपाल से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस किले में पारस पत्थर को बहुत सुरक्षित तरीके से रखा गया है। इसी वजह से यहां हर साल लोग खुदाई के लिए पहुंच जाते हैं लेकिन किले से पत्थर को निकालना कोई आम बात नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि किले में पत्थर की रखवाली जिन्न करते हैं। भोपाल में पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस किले का नाम रायसेन किला है। इस पत्थर से संबंधित इतिहास भी काफी रोचक है।
कहा जाता है कि किले के राजा रायसेन के पास एक पारस पत्थर था और इस पत्थर के चक्कर में राजा को कई युद्ध भी लड़ना पड़ा। एक ऐसे ही युद्ध में राजा पराजित हुए और हार के डर से उन्होंने उस पत्थर को एक तालाब में फेंक दिया। बाद में युद्ध में राजा की मृत्यु हो गयी। राजा के मौत के बाद किला वीरान हो गया। ऐसा माना जाता है कि राजा रायसेन के इस किले में ही पारस पत्थर मौजूद है और जिन्न उसकी रखवाली कर रहा है।
हालांकि जिन्न है भी या नहीं इस बारे में कोई पुख्ता सबूत नहीं है लेकिन लोग यहां पत्थर की तलाश में आते हैं इस बात का सबूत मौजूद है क्योंकि किले में खुदाई किए गए कई गड्ढे हैं। लोग यहां पत्थर को तलाशने के लिए तान्त्रिकों का सहारा भी लेते हैं।
पुरातत्व विभाग भी किले में पत्थर को तलाशने का काम कर रही है लेकिन उन्हें भी अभी तक कुछ नहीं मिला है। कुछ लोगों का तो ऐसा भी कहना है कि पत्थर की रक्षा जिन्न करने की वजह से कुछ लोग यहां आने के बाद अपना मानसिक संतुलन खो देते हैं। इस किले को लेकर लोगों के मन में कई सारे सवाल है। क्या सच है और क्या झूठ इस पर से आज तक पर्दा नहीं उठ सका है।