लाइव हिंदी खबर :- राजस्थान को अपनी शानो-शौकत के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। बता दें कि पुराने समय यहां राजा-महाराजाओं की हुकूमत चलती थी। यहां समय-समय पर जितने भी राजा हुए उन्होंने अपने शासन के दौरान यहां पर भव्य इमारतें भी बनवाईं थीं जिन्हे देखने के लिए आज भी दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लोग आते हैं। खैर राजस्थान में इमारतों के अलावा भी ऐसा बहुत कुछ है जो आज भी लोगों की हैरत का विषय हुआ है। आज हम आपको राजस्थान की एक ऐसी ही चीज के बारे में बताने जा रहे हैं।
जैसा कि सभी लोग जानते हैं कि राजस्थान की मिट्टी में सैकड़ों शूरवीरों ने जन्म लिया और वो अपनी मिट्टी की रक्षा के लिए अपने जान की बाजी भी लगा देते थे। इन शूरवीरों के पास दुश्मनों से मुकाबला करने के लिए एक ऐसी तोप थी जिसने दुश्मनों की नींद उड़ा दी थी। ऐसा कहा जाता है कि जब ये तोप चलती थी तो इसके प्रहार से जमीन में एक तालाब के बराबर गड्ढा हो जाता था।
शूरवीरों की यह धाकड़ तोप आज जयपुर के जयगढ़ किले में रखी हुई है। इसका नाम ‘जयबाण तोप’ है। जो लोग इस तोप के बारे में करीब से जानते हैं उनके मुताबिक जब इस तोप से एक गोला चलाकर देखा गया था तो ये गोला 35 किलोमीटर दूर जयपुर के चाकसू नाम के कस्बे में गिरा था और इस गोले की वजह से जमीन में एक तालाब बन गया था। इतने विध्वंसक अस्त्र को देखकर सभी हैरान रह गए थे। यह तालाब आज भी यहां पर मौजूद है।
जयगढ़ के किले में रखी इस तोप का निर्माण सवाई जयसिंह द्वितीय ने करवाया था। इस तोप की लंबाई 32 फीट और वजन 50 टन है। तोप को किले के डूंगर दरवाजे पर रखा गया है। बता दें कि यह तोप एशिया की सबसे बड़ी तोप है।जानकारी के मुताबिक इस तोप से 35 किलोमीटर तक वार करने के लिए 100 किलो बारूद की जरूरत पड़ती है।