नर्क में बिताने पड़ेंगे 70 हजार साल,अपने जीवनकाल में कभी भूलकर भी ना करें ये गलती

नर्क में बिताने पड़ेंगे 70 हजार साल,अपने जीवनकाल में कभी भूलकर भी ना करें ये गलती

लाइव हिंदी खबर :-जब से व्यक्ति होश संभालता है उसे हमेशा सिखाया जाता है कि वह अच्छे कर्म करे, क्योंकि बुरे कर्म करने से व्यक्ति को नर्क भोगना पड़ता है और उसे नर्क में कड़ी सजा मिलती है। यह बातें सिर्फ कही नहीं जाती बल्कि कई शास्त्रों व पुराणों में भी इसका वर्णन मिलता है।

उन्हीं पुराणों में से एक शिव पुराण के एक अध्याय में नर्क को लेकर बहुत विस्तार बताया गया है कि, किन लोगों को किन कर्मों के अनुसार क्या सजा मिलती है और उन्हें क्या-क्या भोगना पड़ता है। आइए जानते हैं किन कर्मों के कारण कौन सा नरक और सजा मिलती है…

1. पहला नर्क- महावीचि

शिवपुराण के अनुसार जो लोग गाय को मारते हैं, उन्हें नर्क में एक लाख साल तक कष्ट भोगना पड़ता है। यही नहीं नर्क में महावीचि नाम का नर्क रक्त से भरा हुआ है, यहां वज्र के समान कांटे लगे हुये हैं।

 

2. दूसरा नर्क- कुंभीपाक

पुराण के अनुसार जो लोग दूसरों की जमीन-जायदाद पर गलत तरीके से कब्जा करते हैं या बह्महत्‍या करते हैं उन्हें कुंभीपाक नर्क भोगना पड़ता है। इस नर्क में गरम रेत और अंगारे बिछे होते हैं।

 

3. तीसरा नर्क- रौरव

शिव पुराण में बताया गया है की जो लोग किसी के खिलाफ झूठी गवाही देते हैं ऐसे लोगों को नर्क में गन्ने के समान पेरा जाता है। इस नर्क व्यक्ति को 70 हजार साल तर सजा भुगतनी पड़ती है।

 

4. चौथा नर्क- मंजूस

जो लोग किसी निर्दोष को बंदी बनाते हैं, उन्हें नर्क में जलती हुई सलाखों से जलाया जाता है। इस नर्क को मंजूस कहा जाता है, जहां दोषी जीवों को डालकर जलाया जाता है।

 

5. पांचवा नर्क- अप्रतिष्ठ

अप्रतिष्ठ नर्क में मल और मूत्र भरा हुआ है। इस नर्क में पापी जीवों को उल्टा लटकाया जाता है और जो लोग धार्मिक व्यक्तियों को कष्ट पहुंचाते हैं उन्हें इसमें लटका कर जला दिया जाता है।

6. छठवां नर्क- विलेपक

शिवपुराण के अनुसार जो संत और ब्राह्मण मदिरा का सेवन करते हैं उन्हें इस नर्क की सजा को भोगना पड़ता है। इस नर्क में लोगों को लौह की आग में जलाया जाता है और जीव को झौंक दिया जाता है।

 

7. सातवां नर्क- महाप्रभ

इसके अलावा शिव पुराण में ये भी बताया गया है कि जो लोग पति-पत्नि में लड़ाई करवाते हैं या उन्हें अलग करवा देते हैं। ऐसे लोगों को नर्क में शूल में छेदा जाता है। बताया जाता है कि यह नर्क बहुत ऊंचा है और इसमें बहुत बड़े-बड़े शूल गड़े हुए हैं।

 

8. आठवां नर्क- जयंती

शिव पुराण के अनुसार जो लोग पराई स्त्रियों के साथ शारिरीक संबंध बनाते हैं और स्त्रियों के साथ असभ्य व्यवहार करते हैं उन्हें इस नर्क को भोगना पड़ता है। इस नरक में एक विशाल चट्टान है, दोषी को इसी चट्टान के नीचे दबा दिया जाता है।

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