
लाइव हिंदी खबर :- नेपाल की राजधानी काठमांडू के ऐतिहासिक सिंह दरबार परिसर में 9 सितंबर को लगी भीषण आग ने पूरे देश के प्रशासनिक ढांचे को हिलाकर रख दिया है। कभी शाही महल और 20 से ज्यादा मंत्रालयों का केंद्र रहा सिंह दरबार अब मलवे का ढेर बन चुका है। आग की लपटों ने संसद, भ्रष्टाचार-निरोधी विशेष अदालत, सुप्रीम कोर्ट की कई इमारतें और अहम मंत्रालयों को नष्ट कर दिया गया।

हजारों सरकारी दस्तावेज जिसमें जन्म प्रमाण पत्र, जमीनी रजिस्ट्रेशन, कंपनी रजिस्ट्रेशन और अंतरराष्ट्रीय समझौतों के मूल्य कागजात शामिल थे जलकर राख हो गए हैं। सिर्फ सुप्रीम कोर्ट की 60000 से ज्यादा फाइलें आग में खाक हो गई हैं। कुल मिलाकर संसद, राष्ट्रपति भवन और स्थानीय निकायों से जुड़ी 300 से अधिक इमारतें इस अग्निकांड की चपेट में आई।
नई अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने शपथ लेते ही कहा कि हम शून्य स्थिति में हैं, मंत्रालय हैं, लेकिन उनके पास न तो इमारतें बची है और न ही जरूरी दस्तावेज। देश चलाने वाली सभी संस्थाएं और दस्तावेज नष्ट हो गए हैं, लेकिन हम फिर से खड़े होंगे। इस हादसे ने आम नागरिकों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई लोगों के जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, जमीनों की रजिस्ट्री जल जाने से उनकी पहचान तक साबित करना मुश्किल हो गया है।
एक नागरिक ने कहा अब मेरे पास यह साबित करने का कोई साधन नहीं बचा है कि मैं कौन हूं। सबसे बुरी स्थिति काठमांडू घाटी के 112 पुलिस स्टेशनों की है, जो पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं। पुलिसकर्मी अब तंबुओं में काम कर रहे हैं और गाड़ियां जल जाने के कारण सरकारी वाहन भी उपलब्ध नहीं है। आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता के इस दौर में हर दिन 2000 से अधिक नेपाली विदेश पलायन कर रहे हैं। यह अग्निकांड न केवल नेपाल की प्रशासनिक क्षमता बल्कि उसकी राजनीतिक स्थिरता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रही है।