लाइव हिंदी खबर :- अमेरिकी खुफिया एजेंसी के एक पूर्व अधिकारी ने दावा किया है कि पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान ने कई देशों को चोरी-छिपे न्यूक्लियर तकनीक बेची थी। जब तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने गुस्से में कहा था कि अगर यह सच साबित हुआ, तो मैं उसे मार डालूंगा।

रिपोर्ट्स के अनुसार अब्दुल कादिर खान का परमाणु नेटवर्क 1990 और 2000 के दशक में दुनिया के कई देशों ईरान, लीबिया और उत्तर कोरिया तक फैला हुआ था। अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि CIA के पास ऐसे पुख्ता सबूत थे कि खान गुप्त तरीके से परमाणु तकनीक, सेंट्रीफ्यूज डिज़ाइन्स और हथियारों से जुड़ा संवेदनशील डेटा बेच रहे थे।
अमेरिकी अधिकारी के अनुसार जब ये सूचनाएं CIA ने पाकिस्तान की सरकार और सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ साझा कीं, तो मुशर्रफ हैरान रह गए। वह पहले मानने को तैयार नहीं थे कि पाकिस्तान के “राष्ट्रीय हीरो” कहे जाने वाले वैज्ञानिक ऐसी अवैध गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। लेकिन जैसे-जैसे CIA ने सबूत रखे, मुशर्रफ का गुस्सा बढ़ता गया।
खुलासे में बताया गया कि मुशर्रफ ने कहा था कि अगर यह सब सच हुआ, तो खान को मैं छोड़ूंगा नहीं। दबाव बढ़ने के बाद 2004 में अब्दुल कादिर खान ने टीवी पर आकर सार्वजनिक माफी मांगी। हालांकि बाद में उन्होंने दावा किया कि उनसे जबरन माफी दिलवाई गई थी और असली जिम्मेदार पाकिस्तान की सैन्य व्यवस्था थी, लेकिन सरकार ने यह बात कभी स्वीकार नहीं की।
यह खुलासा ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान की परमाणु सुरक्षा को लेकर अंतरराष्ट्रीय चिंताएँ पहले ही बढ़ी हुई हैं। अमेरिका ने कहा कि कादिर नेटवर्क दुनिया के इतिहास का सबसे बड़ा न्यूक्लियर ब्लैक मार्केट था, जिसके असर आज भी खतरा पैदा करते हैं।