लाइव हिंदी खबर :- पाकिस्तान में खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत एक बार फिर राजनीतिक तनाव और अस्थिरता के केंद्र में है। केंद्र सरकार अब इस प्रांत में राज्यपाल शासन लगाने पर विचार कर रही है। यह कदम तब उठाया जा रहा है जब प्रांत में कानून-व्यवस्था बिगड़ती जा रही है और हाल ही में हुए प्रदर्शनों ने हालात और खराब कर दिए हैं।

केंद्र सरकार के मंत्री अताउर रहमान ने कहा कि खैबर-पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गांडापुर प्रांत की स्थिति सुधारने में पूरी तरह विफल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि CM ने प्रशासनिक कंट्रोल खो दिया है और प्रांत में शासन व्यवस्था लगभग ठप हो चुकी है। मंत्री के मुताबिक हालात इतने खराब हैं कि केंद्र को मजबूरी में राज्यपाल शासन लागू करने पर विचार करना पड़ रहा है।
हाल ही में बड़ी संख्या में लोगों ने इमरान खान से मुलाकात की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। यह प्रदर्शन हिंसक मोड़ लेता दिखा, जिसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं। सरकार का कहना है कि CM इन हालात को संभालने में नाकाम रहे और सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह कमजोर पड़ी। KPK लंबे समय से पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ का गढ़ रहा है और इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से यहां राजनीतिक तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है।
PTI समर्थक बार-बार खुलेआम प्रदर्शन कर रहे हैं और प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं। केंद्र सरकार का दावा है कि प्रांत में आतंकवाद का खतरा भी तेजी से बढ़ा है और पुलिस बल पर हमलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ऐसे में संघीय सरकार मानती है कि स्थिति सामान्य करने के लिए कठोर कदम उठाना जरूरी है। यदि राज्यपाल शासन लगाया जाता है तो CM की शक्तियां समाप्त हो जाएंगी और प्रांत का प्रशासन सीधे केंद्र के हाथों में चला जाएगा। अगले कुछ दिनों में इस मुद्दे पर अंतिम फैसला होने की उम्मीद है।