लाइव हिंदी खबर :-हिंदू ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक राहु-केतु ग्रह हैं जिन्हें पापी ग्रह के रूप में जाना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक राहु-केतु ये दो अलग-अलग ग्रह है इनका अपना कोई अस्तित्व नहीं होता है। माना जाता है कि ये दोनों ग्रह किसी के कुंडली में अशुभ स्थिति में बैठ जाता है जीवन बर्बाद कर देता है। आए दिन लोग जीवन में परेशानियां घेरे रहती है, सभी कार्य रुकने लगते हैं। यदि कुंडली में उनकी स्थिति ठीक हो तो जातक को अप्रत्याशित लाभ मिलता है और यदि ठीक न हो तो प्रतिकूल प्रभाव भी उतना ही तीव्र होता है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आपके कुंडली में राहु-केतु का प्रवेश हो गया है और आप इसके दुष्प्रभाव से बचना चाहते हैं तो यहां आपके लिए कुछ उपाय बताए गए है।
इन उपायों से न केवल आपको लाभ मिलेगा बल्कि आप सुकून की सांस ले सकते हैं। परेशानियां आप से दूर भागेंगी और जीवन का चक्र सुखमय चलने लगेगा। आइए जानते है कि राहु-केतु से कैसे बचा जा सकता है। राहु की वक्री दृष्टि इंसान को संकटापन्न कर देती है। ऐसी स्थिति में मनुष्य की विवेक-बुद्धि का नष्ट हो जाता है। राहु के दुष्प्रभाव से द्वारा पेट में अल्सर, हड्डियों और स्थानांतरगमन की समस्याएं आती हैं। राहु व्यक्ति के शक्तिवर्धन, शत्रुओं को मित्र बनाने में महत्वपूर्ण रूप से सहायक रहता है।
केतु स्वभाव से एक क्रूर ग्रह हैं और यह ग्रह तर्क, बुद्धि, ज्ञान, वैराग्य, कल्पना, अंतर्दृष्टि, मर्मज्ञता, विक्षोभ और अन्य मानसिक गुणों का कारक माना जाता है। अच्छी स्थिति में यह जहाँ जातक को इन्हीं क्षेत्रों में लाभ देता है तो बुरी अवस्था में यहीं हानि भी पहुंचता है।
राहु-केतु से बचने के उपाय
ये 3 ज्योतिषी उपाय राहु-केतु के प्रभाव को हमेशा के लिए नष्ट कर सकते हैं। अगर आप चाहते हैं कि इन उपायों से आपका भला हो तो इन उपायों को अपनाने से पहले शराब पीना छोड़ना पड़ेगा। क्योंकि शराब पीना गुनाह माना गया है।
1. घर में यथास्थान पर कम से कम 250 ग्राम का चांदी का बना हुआ हाथी स्थापित करें। चांदी और हाथी के होने से घर में राहु-केतु का प्रभाव कम होने लगता है।
2. प्रतिदिन काले या काले-सफेद रंग के कुत्ते को रोटी खिलाएं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुत्ते को रोटी खिलाने से राहु-केतु प्रसन्न होते हैं और जातक को कष्ट देना कम कर देते हैं।
3. इस उपाय के अनुसार जातक को अपने दोनों कान छिदवाने हैं और कम से कम 43 दिनों तक उसमें तार डालकर रखनी है। यह भी राहु-केतु को प्रसन्न करने का एक ज्योतिषीय टोटका है।
4. यदि जन्म कुण्डली या वर्ष में राहु अशुभ हो तो शांति के लिए राहु के बीजमंत्र का 18000 की संख्या में जप करें। राहु का बीज मंत्र- ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।