लाइव हिंदी खबर :-हम सभी जानते हैं कि पीपल के पेड़ का पूजन और जल अर्पित करने से शनिदोष कम होता है। इसके अलावा एक और भी पेड़ है, जिसकी पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न रहते हैं। माना जाता है कि इस पेड़ की पूजा करने से शनिदेव के अलावा भगवान गणेश भी प्रसन्न हो जाते हैं। आइये जानते हैं उस पेड़ के बारे में…
पुराणों में कुछ पेड़-पौधों को धार्मिक वृक्षों का दर्जा दिया गया है। इन वृक्षों के चमत्कारिक लाभ और देवी-देवताओं का इनमें वास होने के कारण इन्हें यह दर्जा दिया गया है। इन्हीं वृक्षों में से एक है शमी का पेड़। शमी को भगवान शिव और गणेश का प्रिय माना जाता है। कहा जाता है कि गणेश जी और शनिदेव को शमी बहुत ही प्रिय है।
मान्यता है कि शमी के पेड़ की पूजा करने से शनि देव और भगवान गणेश दोनों की ही कृपा प्राप्त होती है। माना जाता है कि इसमें भगवान शिव स्वयं वास करते हैं, जो गणेश जी के पिता और शनि देव के गुरू हैं। अगर आप पर शनि की ढैया या साढ़ेसाती चल रही है तो कुछ आसान उपाय कर के शनि के प्रकोर से निजात पाया जा सकता है।
शमी के पौधे की जड़ को काले धागे में बांधकर गले या बाजू में धारण करें। ऐसा करने से शनिदेव से संबंधित जीवन में जितने भी विकार हैं, उनका शीघ्र ही निवारण हो जाएगा।
शमी के फूल, पत्ते, जड़ें, टहनियां और रस का इस्तेमाल कर शनि संबंधी दोषों से मुक्ति पायी जा सकती है।
नियमित रूप से शमी वृक्ष की पूजा करने और इसके नीचे सरसों तेल का दीपक जलाने से शनि दोष के कुप्रभाव से बचा जा सकता है।
शमी की टहनी को हर दिन रात्रि के पूर्व जलाकर मुख्य द्वार के सामने रखने से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाता है। शमी के कांटों का प्रयोग तंत्र-मंत्र और नकारात्मक शक्तियों के नाश के लिए भी किया जाता है।
शमी का वृक्ष घर के ईशान कोण में लगाना बहुत ही लाभकारी माना जाता है। शमी के पेड़ से घर के वास्तु दोष को भी दूर किया जा सकता है।