लाइव हिंदी खबर :- एशियन यूथ रेसलिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाले सनी फुलमाली ने अपनी सफलता का श्रेय परिवार के संघर्ष और परंपरा को दिया। सनी ने बताया कि उनके परिवार में कुश्ती की शुरुआत उनके दादा से हुई थी। सनी फुलमाली ने कहा कि हमारे परिवार में कुश्ती की परंपरा बहुत पुरानी है। मेरे दादा दंगल में हिस्सा लिया करते थे।

उन्होंने कभी मैट पर मुकाबला नहीं किया, लेकिन वे बेहद ताकतवर और कुशल पहलवान थे। मेरे पिता भी कुश्ती में बहुत अच्छे थे। उन्होंने भी केवल दंगल में हिस्सा लिया, लेकिन कभी रेसलिंग मैट पर नहीं उतरे। हम तीन भाई हैं, और मैं सबसे छोटा हूं। पिता का सपना था कि हम तीनों कुश्ती में आगे बढ़ें, लेकिन हमारी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि हम किसी बड़े अखाड़े में प्रशिक्षण ले सकें।
कई बार हमें प्रशिक्षण और उपकरणों की व्यवस्था के लिए अपने नंदी (बैल) तक बेचने पड़े। सनी ने आगे कहा कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद उनके पिता ने कभी हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने हर हाल में अपने बच्चों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। सनी फुलमाली के पिता, सुभाष फुलमाली, ने बेटे की उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि मैं बेहद खुश हूं, गर्व महसूस कर रहा हूं।
सनी ने हमारे सपनों को साकार कर दिया है। यह सिर्फ हमारे परिवार ही नहीं, बल्कि पूरे देश का गर्व है। सनी की इस उपलब्धि ने न केवल महाराष्ट्र, बल्कि पूरे भारत को गौरवान्वित किया है। स्थानीय लोगों ने भी उनके स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।