लाइव हिंदी खबर (हेल्थ कार्नर ) :- कच्ची इमली लेते हुए ध्यान रखें
– इमली भूख बढ़ाने, पाचन प्रक्रिया दुरुस्त करने, पेट और शरीर की जलन दूर करने, और कब्ज दूर करने के लिए उपयोगी होती है।
– मोच आने पर इमली के ताजा पत्ते गर्म पानी में पीसकर गुनगुना लेप दर्द वाले स्थान पर लगाने से लाभ होता है। इसके तने की भस्म पानी में उबालकर पीने से उल्टी नहीं होती।
– कच्ची इमली शारीरिक रूप से दुर्बल, खांसी, दमा, जुकाम में नुकसान कर सकती है। इसे दूध या दूध से बनी खीर, जोड़ों के दर्द, गठिया, लकवा, गुर्दे के रोग, रक्त विकार और चर्म रोग में प्रयोग न करें। इससे बनने वाली चिंचा भल्लात कंवटी, चिंचिकादिवंटी दस्तों व हैजे की पहली स्टेज की उपयोगी दवा है।
अमलतास जिसे राजस्थानी में किरमाला भी कहते हैं, इसके बीजों का औषधि के रूप में प्रयोग कई बीमारियों में उपयोगी होता है।
फायदे:
इसका रस कफ व बलगम को भी दूर करता है। अमलतास की पकी फलियों को तोड़कर बालू रेत में गाड़कर एक सप्ताह के बाद निकालकर धूप में सुखा लें। सूख जाने पर फलियों का गूदा निकालकर साफ बर्तन में ढंककर रख दें और फिर इसे दवा के रूप में प्रयोग करें। इस औषधि से मल विकार दूर होता है। लेकिन ध्यान रहे कि अमलतास की औषधि का प्रयोग विशेषज्ञ की सलाह लेकर ही करें।