लाइव हिंदी खबर :-माना जाता है कि ग्रह नक्षत्रों को एक साथ आने से बने खास योग को पंचक कहा जाता है। विद्वान मानते हैं कि ये हानिकारक नक्षत्रों का योग होता है। इस दौरान फूंक-फूंक कर कदम रखना चाहिए, नहीं तो बड़ा नुकसान हो सकता है।
क्या होता है पंचक?
ज्योतिष के अनुसार, पांच नक्षत्रों के विशेष मेल से बनने वाले योग को पंचक कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार, चंद्रमा एक राशि में ढाई दिन रहता है। इस तरह चंद्रमा दो राशियों में पांच दिन तक रहता है। इन पांच दिनों को पंचक कहा जाता है। इस दौरान शुभ कार्य करने से मना किया जाता है।
पंचक में क्या न करें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचक में शुभ कार्यों का भी उल्टा प्रभाव पड़ता है। इस दौरान धन के लेन-देन से बचना चाहिए। इसके आलवे किसी तरह की सौदेबाजी से परहेज करना चाहिए। माना जाता है कि इस दौरान इन कामों को करने से आर्थिक नुकसान की प्रबल संभावना होती है।
पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की ओर यात्रा नहीं करना चाहिए क्योंकि ये यम की दिशा मानी जाती है।
पंचक के दौरान शवदाह भी नहीं करना चाहिए। अगर आवश्यक हो तो किसी जानकर से पूछकर ही शव का क्रिया कर्म करना चाहिए।
पंचक के दौरान पलंग बनवाना भी अशुभ माना गया है।
पंचक के दौरान अगर रेवती नक्षत्र हो और घर का निर्माण करवा रहे हैं तो इस दौरान छत नहीं डलवानी चाहिए।