लाइव हिंदी खबर :-कहा जाता है कि हर इंसान भगवान का रूप होता है लेकिन साईं बाबा इंसान के रूप में साक्षात देवता माने जाते हैं। साईं बाबा ने इस धरती पर मनुष्य का रूप धारण कर लोगों को इंसानियत का पाठ पढ़ाया। साईं बाबा के चमत्कार की कईं किंवदंतियां हमारे बीच में प्रचलित है। जिसका प्रमाण आज शिरडी के साईं मंदिर में भक्तों की भीड़ दे रही है। मंदिर में करोड़ों भक्त आते हैं और साईं बाबा की पूजा पाठ करते हैं। आपने गौर किया होगा कि हर गुरुवार को साईं बाबा की पूजा की जाती है। लेकिन इसके पीछे क्या वजह है ये कम लोगों को ही मालूम है। आज सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कोने-कोने में साईं मंदिर हैं, जिनमें साईं बाबा की पूजा की जाती है।
क्यों होती है पूजा
मान्यता अनुसार गुरुवार के दिन को साईं बाबा का दिन कहा जाता है। शिरडी में हर गुरुवार साईं की पालकी निकलती है, जिनके दर्शन के लिए हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ती है। माना जाता है कि जिसने भी पालकी में बाबा के दर्शन कर लिए उन्हें साक्षात साईं के दर्शनों का सौभाग्य मिलता है। ऐसी मान्यता है कि साईं के दरबार में जो भी जाता है वह खाली हाथ नहीं लौटता है। इस दिन लोग साईं बाबा के लिए व्रत रखते हैं।
साईं को क्या चढ़ाएं
माना जाता है कि साईं को कुमकुम लगाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। मौली (कलावा या रक्षा सूत्र) बांधने से इंसान मर्यादा में रहता है, दूध अर्पित करने से वंश की वृद्धि होती है, दही अर्पित करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और शहद अर्पित करने से जीवन में मधुरता आती है।
कैसे रखें व्रत
साईं बाबा का व्रत कोई भी कर सकता है। साईं बाबा ने अपने भक्तों को ‘एकेश्वरवाद’ सिखाया और वे कहते थे कि ‘सबका मालिक एक है।’ इसीलिए सभी जात, पात और धर्म के लोग साईं बाबा का व्रत रखते हैं। हर गुरुवार की शुरुआत साईं बाबा के नाम से होती है। सुबह या शाम में साईं बाबा के मूर्ति या तस्वीर की पूजा की जाती है। इसके बाद साईं व्रत की कथा पढ़कर मिठाई या फल प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। इस तरह लोग गुरुवार को साईं बाबा की श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना और व्रत कर उनकी अनुकम्पा प्राप्त करते हैं। माना जाता है कि प्रत्येक गुरुवार को व्रत रखने से संतान की प्राप्ति होती है।
करें इस मंत्र का जाप
हर गुरुवार साईं दरबार में जाकर आप उनके मंत्र का जप करें। माना जाता है कि मन से बाबा के मंत्रों के जप से साईं बाबा भक्त का सारा दुख हर लेते हैं और उसे कष्टों को दूर करते हैं।
ॐ सांईं देवाय नम:
ॐ शिर्डी वासाय विद्महे सच्चिदानंदाय धीमहि तन्नो सांईं प्रचोदयात
ॐ सांईं गुरुवाय नम:
ॐ शिर्डी देवाय नम:
ॐ समाधिदेवाय नम:
ॐ सांईं राम
ॐ सर्वदेवाय रूपाय नम: