लाइव हिंदी खबर :-शनिदेव को न्यायाधीश कहा जाता है। शनिदेव कर्मों के अनुसार व्यक्ति को फल देते हैं। शनि जब भी किसी राशि में प्रवेश करते हैं या किसी राशि पर शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या चलती है तो उस व्यक्ति पर इसका बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। शनि ग्रह को आयु, दुख, रोग, पीड़ा, विज्ञान, तकनीकी, लोहा, खनिज तेल, कर्मचारी, सेवक, जेल आदि का कारक माना जाता है।
कुंडली में शनि की स्थिति
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की स्थिति शुभ होती है तो वह व्यक्ति जीवन में तरक्की और ढ़ेर सारी खुशियां प्राप्त करता है। लेकिन इसके विपरित यदि शनि की स्थिति शुभ नहीं है तो व्यक्ति को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नौकरी व्यापार में खासा नुकसान भी झेलना पड़ता है।
शनि पूजा विधि
– शनिदेव की कृपा पाने के लिए उनकी प्रिय वस्तुओं जैसे- तिल, उड़द, काली मिर्च, सरसों का तेल, लौंग, काला नमक और काले रंग का कपड़ा इन चीजों का प्रयोग कर पूजा करनी चाहिये।
– शनिदेव को प्रसन्न करने के लिये सरसों के तेल में तिल मिलाकर उससे अभिषेक करें, लाभ मिलेगा।
– प्रतिदिन या फिर शनिवार के दिन शनि मंत्र बोलते हुए शनिदेव की पूजा करें।
– ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: मंत्र बोलते हुए शनिदेव से संबंधित वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है।
– कहा जाता है कि हनुमानजी की पूजा करने से भी शनि देष व कष्टों से मुक्ति मिलती है।
– शनिवार के दिन मंदिर जाकर उनकी प्रतिमा पर सरसों का तेल चढ़ाकर उनका आशीर्वाद जरूर लें।