लाइव हिंदी खबर :- मुंबई में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। हाईकोर्ट ने BMC, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड , स्वास्थ्य विभाग और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों की 5 सदस्यीय टीम को शहर की सभी निर्माण साइटों का निरीक्षण करने का आदेश दिया है। टीम को यह देखना होगा कि क्या इन साइट्स पर प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का पालन किया जा रहा है। अदालत ने कहा कि टीम अपनी विस्तृत रिपोर्ट 15 दिसंबर तक जमा करे।

यह आदेश उस समय आया है जब अदालत में बढ़ते AQI पर स्वत: संज्ञान की सुनवाई चल रही है। बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मुंबई की हवा लगातार खराब हो रही है और इस स्थिति को गंभीरता से लेना जरूरी है। पिछले 24 घंटे में मुंबई का वायु गुणवत्ता सूचकांक 178 दर्ज किया गया, जो ‘मॉडरेट से पुअर’ कैटेगरी के बीच माना जाता है। कोर्ट ने इसे चिंताजनक बताते हुए कहा कि निर्माण कार्यों से उड़ने वाली धूल प्रदूषण का बड़ा कारण बन रही है।
अदालत ने सरकार और स्थानीय निकायों को तीन प्रमुख निर्देश दिए—
- प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
- निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के मानकों को कड़ाई से लागू किया जाए।
- बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर जनता के लिए स्वास्थ्य सलाह (public health advisory) जारी की जाए।
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि केवल कागजों पर दिशा-निर्देश जारी करने से कोई फायदा नहीं होगा, जब तक कि जमीन पर उनका कठोर पालन न कराया जाए। अदालत ने निरीक्षण टीम से कहा कि वे वेरीफाई करें कि क्या साइट्स पर—ग्रीन नेटिंग, पानी का नियमित छिड़काव, कवर मटीरियल्स, व्हीकल व्हील वॉशिंग और डस्ट बैरियर जैसी व्यवस्थाएं हैं या नहीं। अगली सुनवाई में कोर्ट टीम की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय करेगा।