लाइव हिंदी खबर :- इनफॉर्मेटिक्स रेटिंग के मुख्य अर्थशास्त्री मनोज शर्मा कहते हैं कि यह निश्चित रूप से अमेरिका के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि रूस, भारत, चीन ब्रिक्स राष्ट्र और कुछ हद तक ओपेक देश समेत कई देश एकजुट हो गए हैं|

अमेरिकी डॉलर का प्रभुत्व अब ज्यादा समय तक नहीं रहेगा, क्योंकि वैश्विक लेनदेन में इसे एकमात्र महत्वपूर्ण मुद्रा के रूप में प्रतिस्थापित करने के लिए ठोस प्रयास किया जा रहे हैं|