लाइव हिंदी खबर :-कहते हैं इंसान की गलती की सजा उसे इसी धरती पर मिलती है। भारतीय मान्यताओं के अनुसार भगवान हर इंसान को उसके कर्म का फल देता है फिर चाहे वो अच्छा कर्म हो चाहे बुरा। लेकिन क्या आपाने कभी सोचा है कि अगर यही गलती भगवान करें तो उन्हें कौन सजा देगा? उनके भक्त? जी हां, आज हम आपको ऐसे ही एक जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां भगवान हनुमान से नाराज लोग उनकी पूजा नहीं करते। भारत के इस गांव में हनुमान को छोड़ कर अन्य सभी भगवान की प्रतिमाएं और मंदिर देखे जा सकते हैं। आइये हम आपको बताते हैं क्या है पूरा माजरा…
उत्तराखंड के चमोली जिले में है ये गांव
यहगांव उत्तराखंड के चमोली जिले में मौजूद है। चमोली जिले के गांव द्रोणागिरी में हनुमान जी की पूजा वर्जित है। एक ओर जहां पूरा देश हनुमान जी की भक्ति में डूबा रहता है वही इस गांव के लोग हनुमान जी की पूजा अर्चना नहीं करते हैं इतना ही नहीं यहां भगवान का कोई मंदिर भी नहीं है।
हनुमान से भक्त यहां हैं नाराज
कहते हैं जब लक्ष्मण मूर्छित हुए थे तो उनको बचाने के लिए हनुमान ने द्रोणगिरी पर्वत का भी एक हिस्सा उठा लिया था और उस हिस्से को लेकर चले गए थे। यहां के लोगों की इस पर्वत से काफी आस्था जुड़ी हुई थी, इस वजह से गांव के लोग हनुमान जी से नाराज हैं और उनकी पूजा नहीं करते हैं। इसके साथ-साथ एक और वजह भी है जिस कारण लोग हनुमान जी की पूजा अर्चना नहीं करते हैं। जिस महिला ने हनुमान जी को संजीवनी बूटी का पता बताया था। उस महिला को समाज ने बाहर निकाल दिया था।
वर्तमान में है ये मान्यता
इस पर्वत के स्थान को लेकर लोगों के बीच अलग-अलग मत है। कुछ लोगों का मानना है कि यह पर्वत अब श्रीलंका में है तो कुछ लोगों का मानना है कि हनुमान जी ने ये पर्वत यथा-स्थान पर रख ही वापिस रख दिया था। कुछ भी हो लेकिन भारत जैसे आध्यात्मिक देश में भगवान की पूजा वर्जित जैसा शब्द ही अपने आप में अचंभित कर देने वाला होता है।