लाइव हिंदी खबर :- वास्तु का भारतीय संस्कृति में बहुत अधिक महत्व माना जाता है। वास्तु के अनुसार ही आजकल सभी लोग अपना घर या घर की चीज़ें चुनते हैं। क्योंकि अगर वास्तु के अनुसार चीजें ना हों तो आपके आसपास रोग, मानसिक तनाव उत्पन्न हो जाते हैं।
इसलिये अपने घर में कुछ छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखना बहुत जरुरी है। अगर आप इस बातों का ख्याल रखेंगे तो सकारात्मक ऊर्जा आपके आसपास महसूस करेंगे और जिंदगी खुशनुमा बना सकते हैं। तो आइए जानते हैं वास्तु के अनुसार किन बातों का ध्यान रखकर आप रोग, मानसिक तनाव और नकारात्मक ऊर्जा से बच सकते हैं।
अपने बिस्तर पर ना करें ऐसा
वास्तुशास्त्र के अनुसार बेडरुम में बिस्तर पर बैठकर कभी नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिये। ऐसा करने से व्यक्ति रोगी हो सकता है या फिर उसे डरावने सपने आते हैं। तो यदि आप रोग और डरावने सपनों से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो अपने बिस्तर पर कभी मदिरापान या अन्य नशीली वस्तुओं का सेवन ना करें।
सुबह उठकर सबसे पहले करें ये काम
वास्तुशास्त्र में माना जाता है की सूरज की किरणें घर में पड़ना बहुत ही अच्छा माना जाता है। इसलिये सुबह उठकर सबसे पहले खिड़कियां खोल देनी चाहिये। जिससे की सूरज की किरणें घर में पड़ें और आप हमेशा स्वस्थ्य रहें। उगते सूर्य की किरणें स्वास्थ्य के लिये लाभदायक होती है। जो की घर के बैक्टीरिया और किटाणु खत्म कर देती है।
स्त्रियों को हो सकती है ये समस्याएं
कभी भी अपना बेडरुम पूर्वोत्तर दिशा या ईशान कोण में नहीं रखें, क्योंकि वास्तुशास्त्र में इस दिशा में बेडरुम होने से महिलाओं को गर्भाशय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। गर्भवती स्त्रियों को हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा स्थित कमरे का इस्तेमाल करना चाहिए।
रात में ना रखें झूठे बरतन
रात के समय कभी भी झूठे बरतन छोड़कर ना सोएं, मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से आपके घर की बरकत चली जाती है और स्वास्थ्य पर भी इसका फर्क पड़ता है। वहीं वास्तुशास्त्र के अनुसार स्वस्थ्य रहने के लिये परिवार के बुजुर्ग सदस्यों को हमेशा नैर्ऋत्य कोण अर्थात दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित कमरे में रहना चाहिए।
इस तरह ना हो किचन
खाना बनाते समय महिलायें हमेशा अपना मुंह पूर्व दिशा की ओर रखकर ही बनायें। क्योंकि वास्तु के अनुसार अगर आपका मुंह उत्तर दिशा में है तो आपको सर्वाईकल स्पॉन्डिलाइटिस और थायरॉइड जैसी बीमारियां घेर सकती हैं।
वहीं दक्षिण दिशा में भी खाना बनाना अवोईड करें, क्योंकि इससे शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इसी तरह पश्चिम दिशा में मुख करके खाना बनाने से आंख, नाक, कान एवं गले से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।