भूलकर भी न खाएं ये चीज, जाने महीने के अनुसार अपने भोजन करने का तरीका

भूलकर भी न खाएं ये चीज, जाने महीने के अनुसार अपने भोजन करने का तरीका

लाइव हिंदी खबर :- शास्त्रों में इस महीने को भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप कहा गया है। इस महीने में शंख पूजन का विशेष महत्व है। इस महीने में कुछ ऐसी चीजें भी होती हैं, जिसे खाने से मना किया जाता है।

हिन्दू धर्मशास्त्र के जानकार आज भी कहते हैं कि आयुर्वेद में भोजन के संबंध में बहुत कुछ लिखा है। जैसे कि किस सप्ताह में क्या खाना है क्या नहीं। किस तिथि को क्या खाना चाहिए अथवा क्या नहीं। किस महीने में क्या भोजन सही है और क्या नहीं। दरअसल, इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। प्रत्येक सप्ताह, तिथि या महीने में मौसम में बदलाव होता है। इस बदलाव को समझकर ही खाना जरूरी है।

किस माह में क्या खाएं

जैसा कि बताया गया है कि चैत चना, बैसाखे बेल, जैठे शयन, आषाढ़े खेल, सावन हर्रे, भादो तिल। कुवार मास गुड़ सेवै नित, कार्तिक मूल, अगहन तेल, पूस करे दूध से मेल। माघ मास घी-खिचड़ी खाय, फागुन उठ नित प्रात नहाय। इस तरह खानें के नियम बताए गए हैं।

 

चैत्र माह: चैत्र माह में गुड़ खाना मना है। चना खा सकते हैं।

वैशाख: तेल व तली-भुनी चीजों से परहेज करना चाहिए। बेल खा सकते हैं।

ज्येष्ठ: इस माह भी बेल खाना मना है। इन महीनों में गर्मीं का प्रकोप रहता है अत: ज्यादा घूमना-फिरना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अधिक से अधिक शयन करना चाहिए।

आषाढ़: आषाढ़ में पका बेल खाना मना है। इस माह में हरी सब्जियों के सेवन से भी बचें। लेकिन इस माह में खूब खेल खेलना चाहिए। कसरत करना चाहिए।

श्रावण: सावन माह में साग खाना मना है। साग अर्थात हरी पत्तेदार सब्जियां और दूध व दूध से बनी चीजों को भी खाने से मना किया गया है। इस माह में हर्रे खाना चाहिए जिसे हरिद्रा या हरडा कहते हैं।

भाद्रपद: भादो माह में दही खाना मना है। इन दो महीनों में छाछ, दही और इससे बनी चीजें नहीं खाना चाहिए। भादो में तिल का उपयोग करना चाहिए।

आश्विन: कुआर माह में करेला खाना मना है। इस माह में नित्य गुड़ खाना चाहिए।

कार्तिक: कार्तिक माह में बैगन, दही और जीरा बिल्कुल भी नहीं खाना मना है। इस माह में मूली खाना चाहिए।

मार्गशीर्ष: अगहन में भोजन में जीरे का उपयोग नहीं करना चाहिए। तेल का उपयोग कर सकते हैं।

पौष: पूस मास में दूध पी सकते हैं लेकिन धनिया नहीं खाना चाहिए क्योंकि धनिए की प्रवृति ठंडी मानी गई है और सामान्यत: इस मौसम में बहुत ठंड होती है। इस मौसम में दूध पीना चाहिए।

माघ: माघ माह में मूली और धनिया खाना मना है। मिश्री नहीं खाना चाहिए। इस माह में घी-खिचड़ी खाना चाहिए।

फाल्गुन: फागुन माह में सुबह जल्दी उठना चाहिए। इस माह में चना खाना मना है।

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