लाइव हिंदी खबर :- इस माह को भगवान कृष्ण का स्वरूप माना जाता है। इसलिए इन दिनों में श्रीकृष्ण की विशेष पूजा की जाती है। वहीं अमावस्या के दिन कई शुभ काम किए जाते हैं। अगर अमावस्या मंगलवार को पड़ती है तो उसे भौमवती अमावस्या कहा जाता है।
भौमवती अमावस्या के दिन विशेष रूप से पितरों की शांति के लिए पूजा करने का महत्व है। इससे पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। दरअसल, इस बार अगहन अमावस्या मंगलवार को पड़ रही है। ऐसे में यह अमावस्या महत्वपूर्ण हो गई है और इस शुभ संयोग में कुछ उपायों को करके हम अपनी मनोकामनाएं पूर्ण कर सकते हैं।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि मंगलवार भगवान हनुमान का दिन है और इसी दिन अगहन अमावस्या भी है। ऐसे में इस दिन हम कुछ उपाय कर के अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकते हैं। आइये जानते हैं कि इस हमें क्या करना है…
ऊँ पितृभ्य: नम:’ मंत्र का 108 बार जाप करना शुभ फल प्रदान करता है।
सूर्य देव को तांबे के लोटे में लाल चंदन, गंगा जल और शुद्ध जल मिलाकर ‘ऊँ पितृभ्य: नम:’ का बीज मंत्र पढ़ते हुए तीन बार अर्घ्य देना फलदायी माना जाता है।
दक्षिणाभिमुख होकर दिवंगत पितरों के लिए पितृ तर्पण करना शुभ माना जाता है।
कर्ज बढ़ जाने ऋणमोचक मंगल स्रोत का पाठ स्वयं करें या किसी युवा ब्राह्मण संन्यासी से कराएं।
इस दिन पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, थोड़ा गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल तथा पुष्प अर्पित करें।
कोई भी रोग होने पर गुड़ व आटा दान करें।
पितृसूक्त तथा पितृस्तोत्र का पाठ करें।
विद्या की प्राप्ति हेतु रेवड़ी को मीठे जल में प्रवाह करें।
घर में क्लेश हो तो उसकी शांति के लिए जल में लाल मसूर बहाएं।