लाइव हिंदी खबर :-जीवन को सुखमय बनाने के लिए देवी-देवताओं का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि पूजन से ईश्वर प्रसन्न होते हैं और हर तरह की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। यही कारण है कि हर धर्म-समुदाय के लोग अपने-अपने तरीके से पूजन कर्म करते हैं।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पूजन के दौरान विशेष नियमों का पालन किया जाता है। माना जाता है कि इनका पालन करने से हर इच्छाएं पूर्ण होती हैं और जीवन सुख समृद्धि से भरपूर रहते हैं। आइये जानते है कि किन नियमों को अपनाने से पूजा सफल हो सकती है।
सबसे पहले पूजा के समय पंचदेवों का ध्यान किया जाना चाहिए।
सूर्य, गणेश, दुर्गा, शिव और विष्णु पंचदेव कहलाते हैं। इनकी पूजा सभी कार्यों में अनिवार्य रुप से की जाती है।
मान्यता है कि भगवान शिव, गणेश और भैरव पर तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए।
पूजा करते वक्त मां दुर्गा को दूर्वा नहीं चढ़ानी चाहिए। दूर्वा गणेश जी को अर्पित की जाती है।
सूर्य देव को शंख के जल से अर्घ्य देना चाहिए।
तुलसी का पत्ता बिना स्नान किए नहीं तोड़ना चाहिए।
बिना स्नान किए शंख नहीं बजाना चाहिए। माना जाता है कि इससे माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।
माता लक्ष्मी को कमल का फूल अर्पित करना चाहिए।
बुधवार और रविवार के दिन पीपल के वृक्ष में जल डालकर पूजन नहीं करना चाहिए।
अगर घर में मंदिर है तो सुबह-शाम दीपक जलाकर पूजन करना चाहिए।
रविवार, एकादशी, द्वादशी, सक्रांति और संध्या काल में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए।