लाइव हिंदी खबर :-देशभर में कई करोड़ों मंदिर हैं जो कि चमत्कारों के लिये प्रसिद्द हैं। इस मंदिरों पर करोड़ों लोगों की श्रद्धा और आस्था जुड़ी है। इन्हीं मंदिरों में से एक मंदिर उज्जैन में है जो की मंगलनाथ के नाम से प्रसिद्द है। इस मंदिर में मंगल दोष का निवारण होता है।
इस मंदिर में मंगल दोष के लिये विधि-विधान से पूजा की जाती है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है और मंगल दोषों के कारण उन्हें अपने करियर, शादी-विवाह में परेशानियां होती है वे लोग इस मंदिर में जाकर मंगल शांति के लिये पूजा-पाठ करवाते हैं। आइए मंदिर से जुड़ी मान्यताओं के बारे में जानते हैं…
सालभर आते हैं सैकड़ो श्रद्धालु
महाकाल की नगरी उज्जैन में स्थित मंगलनाथ का मंदिर बहुत प्रसिद्ध मंदिर है। मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में मांगलिक दोष निवारण के लिये कुंडली में तेज मंगल के लिये या फिर मंगल की कुंडली में खराब स्थिति के लिये पूजा-पाठ करवाई जाती है। इस मंदिर में ना केवल देश बल्कि विदेशों से भी लोग दर्शन व पूजा के लिये आते हैं। यहां सालभर करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इसके अलावा धार्मिक मान्यताओं की मानें तो उज्जैन नगरी को मंगल की नगरी कहा जाता है। इसलिए भी यहां पीड़ित लोग मंगल दोष निवारण के लिये आते हैं।
मंगल दोष के कारण उठानी पड़ती है ये समस्याएं
मंगल दोष के कारण व्यक्ति को वैवाहिक जीवन में परेशानियां आती है। विवाह में देरी और तेज गुस्से जैसी परेशानियां होती है। मंगल दोष मंगल ग्रह की खराब स्थिति के कारण उत्पन्न होता है। अगर किसी की कुंडली में लग्न भाव, चौथे भाव, सातवें भाव, आठवें भाव या फिर बारह्वें भाव में मंगल होतो मंगल दोष उत्पन्न होता है। जातक को कड़ी परेशानियों को झेलना पड़ता है।
ज्योतिष शास्त्र में मंगल दोष के उपाय
मंगल ग्रह को क्रूर ग्रह माना जाता है। ज्योतिषशास्त्र में मंगल ग्रह की शांति के उपाय करने से कुंडली में मंगल दोष समाप्त होता है। मंगल ग्रह की शांति के उपाय करने से मंगल दोष का प्रभाव भी कम हो जाता है। हनुमान जी की आराधना, बजरंग बाण, हनुमान चालीसा आदि के जाप व अन्य प्रकार के उपाय से मंगल दोष के प्रभाव खत्म हो जाते हैं। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष है तो उसे उज्जैन के मंगल नाथ मंदिर में जरुर जाना चाहिए। इसके साथ ही मंगल नाथ के दर्शन और पूजा-पाठ करने से मंगल दोष से छुटकारा भी मिलता है।