मनुष्य जीवन के लिए वरदान समान हैं ये 20 अनमोल विचार, जरूर पढ़े

मनुष्य जीवन के लिए वरदान समान हैं ये 20 अनमोल विचार, जरूर पढ़े

लाइव हिंदी खबर :-सिख धर्म की नींव रखने वाले, एकेश्वरवाद की राह पर चलने वाले गुरु नानक देव जी की 4 अक्टूबर, 2018 को पुण्यतिथि है। नानक का जन्म 15 अप्रैल, 1469 को कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था और देहांत 22 सितंबर, 1539 को हुआ था। वे 70 वर्ष की आयु के थे जब उनका देहांत हुआ।

गुरु नानक देव जी ने हमेशा ही अपने उपदेशों से मनुष्य जीवन को सरल बनाने के प्रयत्न किए हैं। वे ‘एकेश्वरवाद’ में मानते थे और कहते थे कि भगवान एक ही है, बस उसके रूप अनेक हैं। यहाँ पढ़ें गुरु नानक के 20 उपदेश जो मानव जीवन को उनके द्वारा दिए गए वरदान की तरह हैं।

1. ईश्वर एक है

2. सदैव एक ही ईश्वर की उपासना करो।

3. सर्वशक्तिमान ईश्वर की भक्ति करने वालों को किसी का भय नहीं रहता।

4. ईमानदारी से मेहनत करके उदरपूर्ति करना चाहिए।

5. बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें और न किसी को सताएँ।

6. सदा प्रसन्न रहना चाहिए। ईश्वर से सदा अपने को क्षमाशीलता माँगना चाहिए।

7. मेहनत और ईमानदारी से कमाई करके उसमें से जरूरतमंद को भी कुछ देना चाहिए।

8. सभी स्त्री और पुरुष बराबर हैं।

9. भोजन शरीर को जिंदा रखने के लिए जरूरी है पर लोभ-लालच व संग्रहवृत्ति बुरी है।

10 कभी भी , किसी का हक, नहीं छीनना चाहिए।

11 यदि किसी को धन की अथवा कोई अन्य मदद चाहिए तो हमें कदापि पीछे नहीं हटना चाहिए ।

12. माया (धन) को जेब में ही स्थान देना चाहिए, अपने हृदय में नहीं।

13. संसार को जीतने से पहले स्वयं अपने विकारों पर विजय पाना अत्यावश्यक है।

14 अहंकार मनुष्य को मनुष्य नहीं रहने देता अतः अहंकार कभी नहीं करना चाहिए।

15. अपनी कमाई का  1/10% परोकार के लिए एवं अपने समय का 1/10% प्रभु-सिमरन अथवा ईश्वर के लिए लगाना चाहिए।

16. चिंता-मुक्त रहकर अपने कर्म करने चाहिए।
“नानक चिंता मत करो ,चिंता तिसहि हे।

17. प्रभु के लिए खुशियों के गीत गाओ, प्रभु के नाम की सेवा करो, और उसके सेवकों के सेवक बन जाओ।

18. तेरी हजारों आँखें हैं और फिर भी एक आंख भी नहीं; तेरे हज़ारों रूप हैं फिर भी एक रूप भी नहीं।

19. उसकी चमक से सबकुछ प्रकाशमान है।

20. दुनिया में किसी भी व्यक्ति को भ्रम में नहीं रहना चाहिए।

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