मस्तिष्क और दिल से संबंधित रोग होंगे दूर, घर में जला दें बस ये छोटी सी चीज

मस्तिष्क और दिल से संबंधित रोग होंगे दूर, घर में जला दें बस ये छोटी सी चीज

लाइव हिंदी खबर :-हम अपने घरों में धूप-अगरबत्ती का इस्तेमाल करते हैं। खासकर तब जब हम भगवान को दीपक लगाते हैं और पूजा करते हैं। जिस प्रकार अगरबत्ती के कई प्रकार व सुगंध होती है उसी प्रकार धूप के भी कई प्रकार हैं। तंत्रसार के अनुसार 16 तरह की धूम होती है। जिनमें अगर, तगर, कुष्ठ, शैलज, शर्करा, नागरमाथा, चंदन, इलाइची, तज, नखनखी, मुशीर, जटामांसी, कर्पूर, ताली, सदलन और गुग्गल शामिल हैं।

इन सभी में गुग्गल का उपयोग सबसे ज्यादा होता है। इसे आग में डालने से इसकी मीठी खूशबू से वह जगह सुगंधित हो जाती है। गुग्गल को खासकर गुरुवार के दिन गुग्गल को जलाया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है इसके अलावा भी गुग्गल की धूप के कई लाभ होते हैं। आइए जानते हैं क्या होते हैं वो चमत्कारी लाभ

1. मस्तिष्क से संबंधित रोगों का होता है नाश

गुग्गल को आग में जलाकर घर में रखने से उसकी सुगंध घर में फैलती है और उसकी सुगंध से मस्तिष्क का दर्द और उससे संबंधित रोगों का नाश होता है। इसके साथ-साथ दिल की बीमारियों दर्द से भी छुटकारा मिलता है।

 

2. बुरी नजर और नकारात्मकता होगी दूर

अपने घर को बुरी नजर से बचाने के लिये घर में साफ-सफाई रखते हुये पीपल के पत्ते से 7 दिन तक घर में गौमूत्र के छींटे मारें और उसके बाद शुद्ध गुग्गल की धूप दें। इस उपाय को करने से घर में मौजूद सभी नकारात्मकता दूर हो जायेगी और अगर किसी की बूरी नजर लगी है तो वो भी हट जाएगी।

 

3. गृह कलेश होगा दूर

अगर आपके घर में हर दिन कलेश होता है तो गृह क्लेश दूर करने के लिये हफ्ते में एक बार किसी भी दिन घर में कंडे जलाकर उसपर गुग्गल रख दें और पूरे घर में उसे लेकर धूनी दें। ऐसा करने से जल्द ही आपको फर्क नजर आएगा।

 

4. अनिद्रा से मिलेगी राहत

अगर आपको नींद नहीं आती और आप इस मुश्किल से गुजर रहे हैं तो अपने घर में गुग्गल की धूप दें, इससे आपको राहत मिलेगी और अच्छी नींद भी आएगी।

 

5. देवताओं के निमित्त लगायें धूप

देवी-देवताओं को तो सभी लोग धूप देते हैं, क्योंकि इस धूप से परलौकिक दिव्य शक्तियां आकर्षित होती है। अपने पूर्वजों को हम अमावस्या के दिन धूप देते हैं। लेकिन गुरुवार के दिन किसी मंदिर या समाधी पर गुग्गल की धूप देने से देवताओं के निमित्त दी जाती है।

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