महिलाओं की विवाह योग्य आयु बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत कानूनों की जनजातीय परंपरा का अध्ययन

महिलाओं की शादी की उम्र बढ़ाने के लिए पर्सनल लॉ – आदिवासी परंपरा का एक अध्ययन |  महिलाओं की विवाह योग्य आयु बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत कानूनों की जनजातीय परंपरा का अध्ययन

लाइव हिंदी खबर :- पिछले दिसंबर 2021 में महिलाओं के लिए शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 करने के लिए संसद की लोकसभा में एक बिल पेश किया गया था। विपक्ष ने इसका कड़ा विरोध किया। इसके बाद इस बिल को देखने के लिए संसदीय स्थायी समिति को एक सिफारिश की गई थी।

भाजपा से राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर शिक्षा, महिला कल्याण, युवा कल्याण और खेल पर स्थायी समिति की अध्यक्षता करते हैं। समिति केंद्रीय महिला एवं बाल विकास, अल्पसंख्यक कल्याण, जनजातीय कल्याण और श्रम कल्याण मंत्रालयों के साथ परामर्श कर रही है। स्थायी समिति इस संबंध में धर्मार्थ संगठनों और सेक्टर-आधारित संगठनों द्वारा भेजी गई सिफारिशों की भी जांच कर रही है।

इस मामले में बताया गया है कि स्थायी समिति ने इस मामले में व्यक्तिगत कानूनों और आदिवासी परंपराओं सहित विभिन्न पहलुओं की विस्तार से जांच करने की योजना बनाई है. मामले में हलफनामा दाखिल करने की समय सीमा कई बार बढ़ाई गई। गौरतलब है कि अंतिम समय सीमा को पिछले 24 अप्रैल से बढ़ाकर 24 अप्रैल कर दिया गया था।

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