लाइव हिंदी खबर (हेल्थ कार्नर ) :- अगर आप अपने बच्चों को स्मार्ट, इंटेलीजेंट और जमाने के साथ चलने लायक बनाना चाहते हैं तो उन्हें तरह तरह के पजल्स खेलने के लिए दें। ध्यान रखिए इस तरह की एक्सरसाइज से उनके दिमाग की बत्ती जलेगी-
स्मरणशक्ति बढ़ती है
पजल खेलते वक्त बच्चे को दिमाग खूब खपाना पड़ता है जिससे उसके दिमाग की अच्छी कसरत हो जाती है। दिमाग की कसरत होते रहने से मसल्स का लचीलापन बढ़ता है और स्मरणशक्ति बढ़ती है। दुनिया भर के मनोवैज्ञानिकों ने स्मरणशक्ति बढ़ाने के कई उपायों में से एक पहेली और पजल्स सोल्व करना भी बताया है।
अक्षरज्ञान
विभिन्न पजल गेम्स में बच्चों को अलग-अलग तरह की आकृतियां, अक्षर, चित्र, रंग, पशु-पक्षी आदि देखने को मिलते हैं। इससे बच्चे नई चीजें सीखते और समझते हैं। इससे उन्हें अपने आसपास की दुनिया में मौजूद चीजों का ज्ञान होता है।
हाथों-आंखों का संतुलन
किसी भी पजल को सोल्व करने में बच्चे को पूरी एकाग्रता से काम करना पड़ता है। इस प्रक्रिया में उसे अपने हाथों और आंखों में समुचित संतुलन भी बनाकर रखना होता है। यह अभ्यास बच्चे के जीवन में सकारात्मक असर डालता है।
समस्या से मुकाबला
पजल सोल्व करने के लिए बच्चों को धैर्य की जरूरत होती है। इससे वे समस्याओं का समाधान करने की कला सीखते हैं। समस्याओं के समाधान के लिए जिस चिंतन, मनन और कौशल की जरूरत होती है, वह बच्चा पजल्स के माध्यम से सीख सकता है।
हैंडल करना सीखते हैं
जिन पजल्स में कई छोटे-छोटे टुकड़ों को जोड़कर आकृति बनानी होती है, उनसे बच्चे छोटी चीजों को हैंडल करने और उन्हें संभालकर रखने का गुण आता है। इससे बच्चा बड़ा होकर अपनी चीजों को भी संभालकर रखना सीखता है।