लाइव हिंदी खबर :- हम सभी जानते हैं कि मृत्यु एक अटल सत्य है इसीलिए कहा जाता है कि इंसानी जीवन कितना ही अस्थिर क्यों न हो इसकी सबसे बड़ी हकीकत है मौत। लेकिन इसका समय कोई नहीं बता सकता। परन्तु इसको लेकर हर किसी के मन में शंकाए जरूर रहती है।
शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जो ये नहीं जानना चाहता हो कि उसकी मौत किस उम्र में होगी और किस तरह होगी। हालांकि इसके बारे सटीक तौर पर बता पाना किसी के लिए मुमकिन नहीं है, लेकिन मौत से पहले कुछ संकेत जरूर मिलते हैं। इन संकेतों के बारे में शिवपुराण में बताया गया है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार मां पार्वती ने भगवान शिव से पूछा कि मृत्यु का क्या संकेत है? मृत्यु निकट आने से पहले कौन-कौन से लक्षण प्राप्त होते हैं? मां पार्वती के सवाल पर भगवान शिव ने जो जवाब दिया वह इस प्रकार है…
अगर किसी व्यक्ति का शरीर अचानक पीला या सफेद पड़ जाए तो उस इंसान की मृत्यु छह माह के अंदर हो जाती है।
मुंह, जीभ, कान, आंखें, नाक पथरा जाए तो उस व्यक्ति की छह माह बाद मृत्यु हो जाती है।
अगर कोई व्यक्ति चंद्रमा, सूर्य या आग से उत्पन्न रोशनी को ना देख सके तो वह छह माह ही जीवित रह पाता है।
अगर किसी व्यक्ति का रंग बोध समाप्त हो जाए तो समझ जाएं कि उस व्यक्ति की मृत्यु निकट है।
एक सप्ताह तक बायां हाथ लगातार अकारण फड़कता रहे, तो ऐसे व्यक्ति की मृत्यु एक माह बाद हो सकती है।
जीभ फूल जाए, दांतों से मवाद निकले और स्वास्थ्य बेहद खराब हो जाए तो वैसे व्यक्ति का जीवन छह माह ही शेष रह जाता है।
जब अपनी छाया स्वयं से अलग दिखने लगे तो समझ जाए कि मृत्यु बहुत ही नजदीक है।
जो व्यक्ति पानी, तेल और दर्पण में अपनी परछाई न देख पाए या परछाई दिखे तो वह विकृत दिखाई दे तो ऐसा इंसान छह माह ही जीवन जी पाता है।