लाइव हिंदी खबर :- इस्लामी कैलेंडर में नौवां महीना रमजान है। इस दौरान दूनिया भर में मुस्लिम समुदाय के लोग एक महीना रोजे रखते हैं। रोजा रखना केवल स्वस्थ वयस्क मुस्लिमों के लिए अनिवार्य है, जो किसी बीमारी से पीड़ित है, यात्रा पर है, बुजुर्ग, गर्भवती, स्तनपान कराने वाली महिला, डायबिटीज, गंभीर रूप से बीमार या मासिक धर्म से पीड़ितों को रोजा नहीं रखने की सलाह दी जाती है। रोजे की अवधि के दौरान रोजेदारों को खाने या पीने की अनुमति नहीं है। वे जल्दी सुबह सहरी में खाने के बाद शाम को इफ्तार के समय ही खा सकते हैं। रोजेदारों को इस महीने नमाज पढ़ना और अल्लाह की इबादत करनी चाहिए। इन दिनों आपको दो शब्द सुनने को मिल सकते हैं। रमजान करीम और रमजान मुबारक। आपको बता दें कि इन दोनों शब्दों का मतलब अलग-अलग होता है।
रमजान मुबारक और रमजान करीम का क्या अर्थ है?
रमजान मुबारक का अर्थ होता है कि ‘पवित्र रमजान’ या ‘हैप्पी रमजान’ यानी खुशियों से भरा रमजान। उदहारण के लिए आप किसी को बधाई दे सकते हैं कि यह दिन आपके लिए खुशियों से भरे हों।
रमजान करीम का मतलब होता है कि रमजान आपके लिए उदार हो यानी इन दिनों आपको किसी तरह की मुसीबत का सामना ना करना पड़े।
रमजान करीम के उपयोग को लेकर एक बहस है क्योंकि इसके अनुसार रमजान को किसी दूसरे व्यक्ति के लिए उदार होने के लिए कहा जाता है। इसके उपयोग पर कुछ असहमति है क्योंकि कुछ लोग मानते हैं कि रमजान से उदार होने के लिए आप इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ जाते हैं, क्योंकि रमजान किसी व्यक्ति के लिए उदार नहीं हो सकता है।
कुछ लोग मानते हैं कि रमजान मुबारक कहा जाना चाहिए क्योंकि रमजान खुद किसी के लिए उदार नहीं हो सकता है। इन दोनों शब्दों में रमजान मुबारक का अधिक इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इसका मूल रूप से पैगंबर मुहम्मद द्वारा उपयोग किया जाता था।
हालांकि कुछ लोग रमजान करीम का इस्तेमाल सही ठहराते हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह शब्द उन आशीषों का प्रतिनिधित्व करता है जो अल्लाह इस महीने के दौरान अपने अनुयायियों को देता है। कुछ मुस्लिम रमजान का जिक्र करने के लिए सम्मानजनक तरीके के रूप में रमजान करीम को देखते हैं।
रमजान के पूरे महीने में दोनों शब्दों का बधाई के रूप में उपयोग किया जा सकता है लेकिन रमजान मुबारक का दोनों में से अधिक इस्तेमाल किया जाता है।