लाइव हिंदी खबर :- रायबरेली में हुई डीआईएसएचए बैठक को लेकर सियासत तेज हो गई है। राज्य सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे सांसद की संवैधानिक भूमिका निभाने के बजाय शासक की तरह व्यवहार कर रहे हैं।

दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि जिले के विकास की बैठक की अध्यक्षता स्थानीय सांसद करते हैं। इसमें केंद्र और राज्य सरकार द्वारा आवंटित धन का उपयोग जनता के लिए योजनाओं किया जाता है। सांसद की भूमिका केवल निगरानी और उचित क्रियांवयन सुचिश्चित करने की होती है, लेकिन जब कोई सांसद शासक की तरह पेश आता है और प्रक्रिया की अनदेखी करता है, तो स्वाभाविक रूप से विरोध उत्पन्न होता है।
उन्होने आगे आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने बैठक में इस तरह का रुख अपनाया मानो सब कुछ उनकी इच्छा के अनुसार होगा। इस पर कटाक्ष करते हुए मंत्री ने कहा के शासन-प्रशासन व्यक्तिगत मनमर्जी से नहीं चलता, बल्कि भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार ही काम होता है। ऐसी बैठकों को राजनीति का मंच बनाने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
गौरतलब है कि डीआईएसएचए समिति का गठन जिलो में विकास कार्यों की निगरानी योजना, फंड्स के सही उपयोग हो रहा है कि नहीं यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। इसमें सासद अध्यक्ष की भूमिका निभाता है और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी योजनाओं की प्रगति की जानकारी प्रस्तुत करते हैं। इस विवाद में रायबरेली की राजनीति को गरमा दिया है, जहां राहुल गांधी की सक्रियता और भाजपा नेताओं के हमले आम बात बनते जा रहे हैं।