लाइव हिंदी खबर :- गाजा से रिहा हुए इज़रायली बंधकों ने अपने परिजनों को उन भयावह परिस्थितियों के बारे में बताया है, जिनका सामना उन्होंने कैद के दौरान किया। बंधकों के अनुसार उन्हें महीनों तक अंधेरी, तंग सुरंगों और तंबुओं में छिपाकर रखा गया, जहां न तो रोशनी थी, न पर्याप्त भोजन और उन्हें लगातार शारीरिक एवं मानसिक यातनाएं दी गईं।

रिहा हुए बंधकों में शामिल 22 वर्षीय सैनिक अंगरेस्ट को अपने अपहरण का क्षण तक याद नहीं है। उसकी मां अनात ने इज़राइली चैनल 12 न्यूज़ से बातचीत में बताया कि उसे याद है कि उसे बुरी तरह पीटा गया था, जिससे वह बेहोश हो गया। उन्होंने उसके सिर पर काली बोरियां डाल दीं और घसीटते हुए सुरंगों में ले गए।
अनात ने बताया कि उसका बेटा लगातार चार महीनों तक एक बेहद संकरी, अंधेरी सुरंग में बंद रहा। उसे हवा, धूप और साफ पानी तक की सुविधा नहीं थी। भोजन बेहद कम मात्रा में दिया जाता था, जिससे वह कमज़ोरी और संक्रमण से जूझता रहा। अंगरेस्ट की मां ने बताया कि बेटे ने अपनी रिहाई की पहली रात अपने माता-पिता के साथ बिताई, और अब वह धीरे-धीरे सामान्य जीवन जीना सीख रहा है — जिसमें बैठना, बातचीत करना और चाकू-कांटे से खाना खाना भी शामिल है।
इज़राइली अधिकारियों का कहना है कि अन्य रिहा बंधकों ने भी इसी तरह की यातनाओं और अमानवीय परिस्थितियों का वर्णन किया है। चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम इन बंधकों को मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान कर रही है ताकि वे अपने आघात और भयावह यादों से उबर सकें।