लाइव हिंदी खबर :-नौवें महीने यानी रमजान को 610 ईस्वी में पैगंबर मोहम्मद पर कुरान प्रकट होने के बाद मुसलमानों के लिए पवित्र घोषित किया गया था। रोजे रखना इस्लाम के पांच स्तंभों (कलमा, नमाज, जकात, रोजा और हज ) में से एक है। अल्लाह रोजेदार और इबादत करने वालों की दुआ कूबुल करता है और इस पवित्र महीने में गुनाहों से बख्शीश मिलती है। इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि रमजान के दिनों आपको किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे आपका रोजा मकरूह न हो और रोजा टूटे नहीं। इसके अलावा आपको यह भी जानने को मिलेगा कि किन-किन कारणों से रोजा नहीं टूटता है।
इन कारणों से टूट सकता है रोजा
– जान-बूझकर उल्टी करने से रोजा टूट जाता है
– ताकती इंजेक्शन लेने से रोजा टूट जाता है
– हम-बिस्तर होने से रोजा टूट जाता है
– चुगलखोरी करने, झूठ बोलने और गलत कार्य करने से रोजा टूट जाता है
– रोजेदार रोजे की हालत में जानबूझकर कुछ खा ले तो उसका रोजा टूटा जाता है
– रोजेदार दांत में फंसा हुआ खाना जानबूझकर निगल जाता है तो उसका रोजा टूट जाता है
– रोजा रखकर सिगरेट या तंबाकू खाने से रोजा टूट जाता है
इन कारणों से रोजा हो सकता है मकरूह
रोजा मकरूह होना यानी रोजे की हालत में उस काम को करना जिसका करना शरियत में नापसंद हो
– रोजे की हालत में दांत निकलवाने से रोजा मकरूह हो जाता है
– रोजे में कोई ऐसा काम करने से जिससे मुंह से खून निकलने लगे, इससे भी रोजा मकरूह हो जाता है
– रोजे की हालत में पूरी तरह से गीले कपड़े पहन रखे हैं तो आपका रोजा मकरूह हो सकता है
– बिना जरूरत किसी चीज के चबाने से मकरूह होता है
– बिना जरूरत थूक निगल लेना से मकरूह होता है
– मंजन या कोयले से दांत मांजने से मकरूह होता है
– गाने बजाने में लगे रहने से रोजा मकरूह होता है
इन चीजों से नहीं टूटता रोजा
– नीम की मिस्वाक करने से रोजे पर कोई असर नहीं है
– किसी भी तरह की खुशबू लगाने से रोजा नहीं टूटेगा
– रोजेदार किसी नुकसान से बचने के लिए खाना खा लेता है तो रोजा नहीं टूटता
– अगर कोई गलती से कुछ खा-पी ले तो उसका रोजा नहीं टूटता
– खाने की चीज जो जबरदस्ती किसी रोजेदार के हलक में डाल दी जाए और वो उसे निगल जाए तो रोजा नहीं टूटता
– मुंह का पानी निगलने से रोजा नहीं टूटता
– किसी लजीज खाने की ख्वाहिश से मुंह में पानी आ जाए तो उस पानी को निगलने से रोजा नहीं टूटता
– खूशबू सूंघने से, आंखों में दवा डालने से, उल्टी आ जाने से या लौट जाने से रोजा नहीं टूटता,
– गलती से थूक और बलगम निगल जाने से, दांतों से खून आ जाने से बशर्ते खून हलक में न जाए