लाइव हिंदी खबर :- भारत दुनिया भर के शीर्ष नेताओं की व्यवहारिक और मानसिक प्रोफाइल तैयार करने के लिए एक उन्नत प्रणाली विकसित कर रहा है। विदेश मंत्रालय लीडरशिप एनालिसिस फ्रेमवर्क नाम के इस नए ढांचे पर तेजी से काम कर रहा है। इसका मकसद है, दुनिया के प्रभावशाली राष्ट्राध्यक्षों और नेताओं को बेहतर तरीके से समझकर भारत की विदेश नीति को और ज्यादा प्रभावशाली बनाना।

सूत्रों के अनुसार इस फ्रेमवर्क में नेताओं की पर्सनैलिटी, निर्णय लेने के तरीके, बातचीत की शैली, भाषण पैटर्न, दवाब में प्रतिक्रिया और यहां तक कि माइक्रो-एक्सप्रेशन यानी चेहरे की बेहद छोटे समय तक दिखाई देने वाली अभिव्यक्तियों का भी विश्लेषण शामिल होगा। इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि कोई नेता किन परिस्थितियों में कैसा व्यवहार कर सकता है, किस मुद्दे पर कितना लचीला है और कौन-से विषय उसके लिए संवेदनशील हैं।
विदेश मंत्रालय इस विश्लेषण में कई तकनीकों का इस्तेमाल करेगा, जैसे वीडियो फुटेज स्कैनिंग, व्यवहार विज्ञान, साइकोलॉजिकल स्टडीज़ और AI-आधारित चेहरे के भावों की पहचान प्रणाली। यह डेटा भारत के राजनयिकों के लिए विशेष ब्रीफिंग नोट्स तैयार करने में इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि वे वैश्विक मंचों पर रणनीतिक रूप से मजबूत बातचीत कर सकें।
इस पहल की एक वजह यह भी है कि तेजी से बदलते अंतरराष्ट्रीय माहौल में कई वैश्विक नेता परंपरागत कूटनीति से अलग तरीके से संवाद और निर्णय लेते हैं। भारत का मानना है कि ऐसे नेताओं की सटीक प्रोफाइलिंग से न केवल वार्ता की तैयारी बेहतर होगी, बल्कि संकट की स्थितियों में त्वरित और प्रभावी फैसले लेने में भी आसानी होगी।
विशेषज्ञ इसे भारत के कूटनीतिक ढांचे को आधुनिक और डेटा-आधारित बनाने की दिशा में बड़ा कदम मान रहे हैं। विदेश मंत्रालय का कहना है कि यह फ्रेमवर्क आने वाले वर्षों में भारत की विदेश नीति को और मजबूत और रणनीतिक बनाएगा।