लाइव हिंदी खबर :- केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में वोटर लिस्ट से जुड़े आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह पूरा मामला चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में आता है और आयोग खुद इसकी विस्तृत जांच कर रहा है।उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग यह जांच कर रहा है कि लगाए गए आरोपों में कितनी सच्चाई है और यदि ये आरोप सही पाए जाते हैं तो इसमें कौन शामिल था और किसे इसका लाभ हुआ।

खट्टर ने स्पष्ट किया कि वोटर लिस्ट एक सार्वजनिक दस्तावेज होती है, जिसे हर नागरिक और राजनीतिक दल देख सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि अंतिम वोटर लिस्ट जारी होने से पहले उसका ड्राफ्ट संस्करण प्रकाशित किया जाता है, जो सभी राजनीतिक दलों को दिया जाता है ताकि वे उसमें संभावित त्रुटियों या विसंगतियों पर आपत्ति दर्ज करा सकें। यह प्रक्रिया पारदर्शी होती है और किसी भी व्यक्ति या पार्टी को इसमें आपत्ति करने का पूरा अधिकार है।
खट्टर ने आगे जोड़ा कि अंतिम सूची प्रकाशित होने के बाद भी दलों को उसकी प्रति दी जाती है और अगर किसी को किसी नाम या विवरण पर संदेह होता है, तो वे आयोग के समक्ष शिकायत कर सकते हैं। उन्होंने राजनीतिक दलों से अपील की कि वे बिना ठोस सबूत के भ्रामक आरोप लगाने से बचें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास बनाए रखें।
भारत का चुनाव आयोग निष्पक्ष और सक्षम संस्था है, जो हर शिकायत की गंभीरता से जांच करती है। इस बयान से उन्होंने संकेत दिया कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी और पूरी जांच चुनाव आयोग के हाथों में ही रहेगी।