लाइव हिंदी खबर :-ज्योतिष के अनुसार कुंडली में कुछ ऐसे योग होते हैं जो व्यक्ति के पागल होने की संभावना बताते हैं। पागलपन की बीमारी किसी को बचपन से ही रहती है तो किसी को बड़ी उम्र में इस परेशानी का सामना करना पड़ता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में पागल होने के योग बन रहे हैं तो ऐसे लोगों को सावधान रहने की जरुरत होती है। ऐसे योगों के अशुभ प्रभावों को दूर करने के लिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बताए गए उपाय अपनाने चाहिए। वैसे तो कुंडली में सभी नौ ग्रह अपनी-अपनी प्रकृति के अनुसार किसी ना किसी रोग की सूचना देते हैं, लेकिन कुंडली में दो या दो से अधिक ग्रहों कि युति अपना अलग प्रभाव प्रकट करती है। यह युति रोगों को और जटिल बना देती है। हम आपको कुंडली में ग्रहों के कुछ ऐसे योग बताएंगे जो पागलपन की बीमारी के योग बताते हैं।
1. जब किसी व्यक्ति की कुंडली में यदि बुध-मंगल एक साथ हों तो ऐसे व्यक्ति को खून से जुड़ा रोग होता है। साथ ही जब मंगल के कारण बुध ज्यादा खराब हो तो यह ब्लड प्रेशर की परेशानी देता है। मंगल-बुध दोनों के बहुत अधिक खराब होने की स्थिति में व्यक्ति को पागलपन की बीमारी हो जाती है।
2. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्र, बुध की युति केंद्र स्थान में बन रही हो या यह दोनों ग्रह लग्न भाव में स्थित हो तो व्यक्ति उन्मादी या अल्पबुद्धि वाला हो सकता है।
3.जब व्यक्ति की कुंडली के भाग्य एवं संतान भाव में सूर्य, चंद्र हो तो व्यक्ति का मानसिक विकास ठीक से तरिके से नहीं हो पाता और वह मानसिक रुप से कमजोर रह जाता है।
4. यदि कुंडली में मंगल सप्तम स्थान में हो तथा लग्न में गुरु हो तो व्यक्ति के किसी सदमे के कारण पागल होने की आशंका होती है।
5. यदि कुंडली में गुरु और शनि केंद्र में स्थित हो और शनिवार या मंगलवार का जन्म हो तो व्यक्ति पागल हो सकता है।
यदि कुंडली में सूर्य-मंगल एक साथ हों अथवा सूर्य-शनि एक साथ हो या फिर सूर्य-शनि और मंगल एक साथ हों तो ऐसे व्यक्ति को क्रोध बहुत अधिक आता है। और इस स्थिती में वह व्यक्ति अपने गुस्से को कंट्रोल नहीं कर पाते। कुंडली के इन योगों के साथ कुछ परिस्थितियों में दूसरे ग्रहों के प्रभाव ये अशुभ फल अपने आप ही नष्ट हो जाते हैं। पूरी कुंडली व ग्रहों का अध्ययन किए बिना कीसी भी कुंडली के व्यक्ति की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।
ये हैं पागलपन से बचने के कुछ उपाय
1. किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श लेकर अशुभ योगों का ज्योतिषीय उपचार करवाना चाहिए।
2. प्रतिदिन गौमूत्र का सेवन करना अच्छा होगा।
3. बुध के मंत्रों का जाप करें।
4. हर दिन शिवजी की विधि-विधान से पूजा करें इससे मानसिक शांति मिलती है।
5. बुधवार के दिन गाय को चारा खिलाएं।
6. हनुमान चालीसा का पाठ करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं।