लाइव हिंदी खबर :-ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शनि को न्यायाधीश कहा जाता है। हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल दिया जाता है। शनि जब भी अपनी राशि बदलते हैं और दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो कुछ राशियों को साढ़ेसाती लग जाती है और कुछ राशियों को शनि की ढैय्या शुरु हो जाती है। वहीं शनि महाराज ने मकर राशि में प्रवेश किया है। जिसके कारण कुंभ राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती शुरु हो गई वहीं मिथुन और तुला राशि के जातकों को ढैय्या शुरु हो गई।
ज्योतिष के अनुसार शनि जिनकी कुंडली में शुभ होते हैं उन्हें शनि के शुभ परिणाम मिलते हैं और जिनकी कुंडली में शनि अशुभ होते हैं उन्हें इस दौरान उन्हें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं शनि के शुभ अशुभ लक्षण जो कि देखने को मिलते हैं….
शनि का मकर में आना कैसे शुभ है
– अगर आपकी कुंडली में शनि की स्थिति अच्छी है तो व्यक्ति हमेशा हर कार्य में प्रगति करता है।
– शनि की शुभ स्थिति पर व्यक्ति के जीवन में कष्ट कम होते हैं।
– शनि के शुभ दृष्टि से व्यक्ति को लोहे से संबंधित कार्यों में लाभ मिलता है और उससे अथाह धन प्राप्ति होती है।
– ऐसे व्यक्ति भूमि-भवन के मालिक बनते हैं और खूब धन संपन्नता पाते हैं।
– ऐसा व्यक्तिन्याय प्रिय होता है और समाज में खूब मान-सम्मान पाता है, मकान और दलाली के कार्यों में सफलता मिलती है।
ये हैं अशुभ लक्षण
– शनि के अशुभ होने के सबसे पहला संकेत होता है जब उसे दिन में नींद सताने लगती है।
– अगर आपने घर में कोई काला पालतू जानवर पाल रखा है तो उसकी मौत हो जाती है। जैसे- काला कुत्ता, काली गाय, काली भैंस, आदि- इसके अलावा शनि के अशुभ परिणाम मिलने पर व्यक्ति को लोहे से चोट आदि लग सकती है।
– किसी दरिद्र या निर्धन व्यक्ति से अचानक वाद-विवाद हो जाना।
– मकान का कोई हिस्सा अचानक से क्षतिग्रस्त हो जाना या क्षतिग्रसत होकर गिर जाना, शनि के अशुभ प्रभावों का हिस्सा है।
– अचानक घर या दुकान में आग लग सकती है, इसके अलावा धन संपत्ति का किसी भी तरह से नाश होता है।