लाइव हिंदी खबर :-वैशाख/बैसाख में भगवान शिव की पूजन विधि…
यूं तो वैशाख मास में प्याऊ की स्थापना के अलावा भगवान शिव के ऊपर जलधारा की स्थापना करके भी उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है। लेकिन इसके साथ ही विशेष तरह की परेशानियों में भी इस माह अलग अलग पूजन विधि की मदद से छुटकारा पाया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त इस मास के सोमवार को किसी सुहागिन को साड़ी, चूडिय़ां, कुमकुम आदि सुहाग का सामान देना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता के अनुसार ऐसा करने से भी वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर होती हैं।
समस्याओं से मुक्ति के लिए: पं. शर्मा के अनुसार इस माह की सबसे आसान विधि और जिसके बारे में हर कोई बताता और लिखता भी है वह है कि वैशाख माह में ब्रम्हांड के प्रतीक शिवलिंग पर पानी का कलश या घड़ा स्थापित करना चाहिए। इस संबंध में मान्यता है कि ऐसा करने से जिस तरह घड़े से बूंद-बूंद पानी Shivlinga पर गिरता है, उस हर बूंद के साथ आपकी समस्याएं भी पानी की तरह बहकर दूर होती जाती हैं।
– ग्रह बाधाएं दूर करने के लिए : वैशाख माह के हर सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद भगवान शिव का जल और दूध से अभिषेक करना चाहिए, माना जाता है कि ऐसा करने से ग्रह बाधाएं दूर होती हैं। साथ ही सुख और समृद्धि की भी प्राप्ति होने के अलावा Lord Shiv थोड़े से पूजन से ही भक्तों को अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
– शारीरिक व्याधियों से छुटकारे के लिए : भगवान शिव का वैशाख माह में जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक करने के अतिरिक्त उन्हें आक, धतूरा और बेलपत्र आदि अर्पित करें साथ ही चंदन भी चढ़ाएं। इसके अलावा भगवान शिव को ऋतु फलों का भोग अर्पित करें, माना जाता है कि इस माह में घड़ा, सत्तू, तरबूज आदि दान करने से शारीरिक व्याधियों से छुटकारा मिलता है।
वैशाख के सोमवार: ये खास उपाय करेंगे, भोलेनाथ को प्रसन्न…
– यदि आप बहुत जल्दी सफलता पाना चाहते हैं तो हर रोज़ घर के मंदिर में स्थापित पारद (पारा) से बने छोटे से शिवलिंग की पूजा करें, यह पूजा आप वैशाख के सोमवार से शुरु कर सकते हैं। Parad Shivling बहुत चमत्कारी माना जाता हैं।
माना जाता है कि ऐसा करने से सफलता मिलने के साथ ही घर की दरिद्रता दूर होती है और लक्ष्मी कृपा बनी रहती है। इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि घर के Mandir में स्थापित पारद शिवलिंग को जल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से स्नान कराते समय कम से कम 108 बार ‘ नम: शिवाय ओम नम: शिवाय ‘ मंत्र का जाप करने से हर काम सिद्ध हो जाते हैं।
– इसके अलावा माना जाता है कि वैशाख के सोमवार से नियमित रूप से आंकड़े के फूलों की माला बनाकर शिवलिंग पर चढ़ाने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। वहीं Belpatra पर चंदन से ओम नम: शिवाय या श्रीराम लिखें।
इसके बाद इन पत्तों की माला बनाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं, माना जाता है इससे हर काम सिद्ध हो जाते हैं। इसके अलावा जल चढ़ाते समय शिवलिंग को हथेलियों से रगडऩा चाहिए। माना जाता है कि इस उपाय से किसी की भी किस्मत बदल सकती है।
ShivPuran के अनुसार बिल्व वृक्ष Mahadev का रूप हैं। अत: वैशाख के इसी सोमवार से इसकी पूजा कर इस पर फूल, कुमकुम, प्रसाद आदि चीज़ें विशेष रूप से चढ़ाएं। माना जाता है कि इसकी पूजा से जल्दी शुभ फल मिलते हैं। वहीं बिल्व वृक्ष के नीचे दीपक जलाना भी मंगलकारी होता है।
– माना जाता है कि वैशाख के सोमवार को जल में केसर मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाने से विवाह और वैवाहिक जीवन से जुडी समस्याएं खत्म होती हैं। वहीं इस माह किसी सुहागिन को साड़ी, चूडिय़ां, कुमकुम आदि सुहाग का सामान उपहार में देने से भी वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर होती हैं।
इसके अलावा संतान से जुडी समस्या को दूर करने के लिए शिवलिंग पर रोज़ धतूरा चढ़ाना विशेष माना जाता है, जानकारों के अनुसार ये उपाय संतान को सभी कार्यों में सफलता भी दिलवाता है।
– बीमारियों के कारण परेशानियां खत्म ही नहीं हो रही हैं, तो वैशाख के किसी भी सोमवार को पानी में दूध और काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाना एक चमत्कारी उपाय माना जाता है।
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय इसमें काले तिल मिलाने से शनि दोष और रोग दोनों दूर होते हैं। वहीं यदि आप लंबी उम्र चाहते हैं तो शिवलिंग पर रोज दूर्वा चढ़ाएं। इससे शिवजी और गणेशजी की कृपा से सुख-समृद्धि भी बढ़ती हैं।
अन्य उपाय…
– लक्ष्मी की स्थायी कृपा पाने के लिए तो शिवलिंग पर रोजाना साबुत चावल चढ़ाएं, इससे आपका भंडार सदा भरा रहेगा। इसके अलावा जो लोग बिल्व वृक्ष के नीचे खड़े होकर खीर और घी का दान करते हैं, मान्यता है कि उन्हें महालक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
ऐसे लोग जीवनभर सुख-सुविधाएं प्राप्त करते हैं और कार्यों में सफल होते हैं। इसके अलावा शास्त्रों के अनुसार किसी जरूरतमंद व्यक्ति को अनाज, घड़े व सत्तू आदि देने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
– वहीं अक्षय तृतीया पर शिवजी के पूजन के उपरांत अनाज का दान करें। पानी के प्याऊ, पोंसरे आदि की स्थापना कराएं, या इसमें मदद करें। इससे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। वहीं वैशाख / बैसाख महीने में किसी जरूरतमंद या सुपात्र ब्राम्हण को सवा किलो या सवा पांच किलो या 11 किलो या 21 किलो गेहूं या चावल का दान करना भी विशेष माना गया है।