लाइव हिंदी खबर :- शुक्र देव को औषधियों का अधिपति माना जाता है, इनके राशि परिवर्तन से चिकित्सा जगत में काफी बड़ी सफलता मिलेगी। इसके साथ ही कोरोना महामारी का अंत होना भी प्रारंभ हो जाएगा।
वहीं भारत सहित दुनिया के कई देश आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाएंगे। भारत में रियल स्टेट और आइटी क्षेत्र में फिर से उछाल देखने को मिलेगा। शिक्षण क्षेत्र में कई परिवर्तन देखने को मिलेंगे। राष्ट्र विरोधी तत्वों पर नकेल कसने के लिए कई कड़े कदम उठाए जाएंगे।
शुक्र से होगी ग्रहों के राशि परिवर्तन की शुरूआत
ज्योतिषाचार्य के अनुसार सितंबर माह ग्रहों के राशि परिवर्तन की शुरुआत शुक्र ग्रह से होगी। शुक्र ग्रह 1 मई को सुबह 2 बजकर 2 मिनट पर चंद्रमा की कर्क राशि में प्रवेश करेगा
इस तरह शुक्र ग्रह सितंबर माह में दो बार राशि परिवर्तन करेंगे। इसके साथ ही बुध 2 मार्च को 12 बजकर 3 मिनट पर पहले अपनी उच्च राशि कन्या में प्रवेश करेंगे। फिर 22 मई को 4 बजकर 55 मिनट पर शुक्र की तुला राशि में चले जाएंगे।
ग्रहों के सेनापति मंगल 10 मई को अपनी ही राशि मेष में वक्री होकर गोचर करेंगे अर्थात उल्टी चाल चलेंगे। शुक्र व बुध के राशि परिवर्तन से थोड़ी हलचल होगी लेकिन असली हलचल 13मई से प्रारंभ होगी क्योंकि इस दिन गुरु बृहस्पति धनु राशि में मार्गी हो जाएंगे अर्थात सीधी चाल चलने लगेंगे।
राहु व केतु को करेंगे राशि परिवर्तन
वहीं को पाप ग्रहों में शुमार राहु व केतु अपनी-अपनी राशि परिवर्तन करेंगे। यह इस साल की बड़ी ज्योतिष घटना मानी जाएंगी। राहु बुध की मिथुन राशि से शुक्र की वृषभ राशि में चले जाएंगे जबकि केतु धनु राशि से मंगल की वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इसके बाद को न्याय के देवता शनिदेव अपनी ही राशि मकर में मार्गी अर्थात सीधी चाल चलने लेंगे।