लाइव हिंदी खबर :- मानव तस्करी का मुद्रा लंबे समय से झारखंड के कई इलाकों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है| इस पर नकल कसने के लिए पुलिस लगातार प्रयासरत है। सिमडेगा पुलिस अधीक्षक एम अर्शी ने बताया कि पुलिस इस तरह के मामलों को बेहद गंभीरता से लेती है और हर केस को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।

एम अर्शी के अनुसार जिले में दर्ज किए गए मानव तस्करी से जुड़े मामलों की लगातार जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बरती है। बल्कि बिना रुके लगातार मॉनिटरिंग करते हुए हर पहलू पर ध्यान दिया गया है। यही वजह है कि कई मामलों में सफलता भी हाथ लगी है और कई आरोपी गिरफ्तार किये जा चुके हैं।
मानव तस्करी के शिकार अधिकतर गरीब और ग्रामीण परिवारों के बच्चे एवं महिलाएं होते हैं, जिन्हें रोजगार या बेहतर जीवन के नाम पर बहला-फुसलाकर बाहर ले जाया जाता है। वहां जाकर या तो उन्हें जबरन मजदूरी करवायी जाती है या फिर उन्हें अवैध गतिविधियों में धकेल दिया जाता है। पुलिस ने ऐसे मामलों पर विशेष निगरानी रखने के लिए टीम का गठन किया है और पीड़ितों के पुनर्वास पर भी काम किया है। एम अर्शी ने बताया कि पुलिस की प्राथमिकता सिर्फ अपराधियों को पकड़ना ही नहीं बल्कि पीड़ितों को सुरक्षित घर लाना और उन्हें न्याय दिलाना भी है।
इस दिशा में कई गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं, ताकि लोग तस्करों के जाल में न फंसे। उन्होंने यह भी कहा कि मानव तस्करी रोकने के लिए समाज की भागीदारी बेहद जरूरी है। गांव और पंचायत स्तर पर लोगों को सतर्क किया जा रहा है कि वह अनजान लोगों के झांसे में ना आये साथ ही रोजगार के नाम पर बाहर जाने वाले युवाओं और महिलाओं का रजिस्ट्रेशन व सत्यापन कराया जा रहा है।