लाइव हिंदी खबर :- आपको बता दे की सूर्य को कलियुग मे साक्षात देवता माना जाता है। सुबह से लेकर शाम तक सूर्य अपनी किरणों के विभिन्न रूपों से धरती पर अलग-अलग फायदा पहुच सकता है। आपको बता दे की सूर्य के किरणों मे सात रंग होते है। ये सात रंग शरीर को अलग-अलग एनर्जी प्रदान करती है। आपको बता दे की ये सात रंग सात ग्रहो के भी प्रतीक होते है। जब कोइ ग्रह कुंडली मे कमजोर होता है। तो उस रंग का रत्न पहनाकर उसे मजबूती दी जा सकती है। वेदों मे भी ऐसा माना जाता है। सूर्य देव जी की आराधना करने से हर ग्रह के दोष दूर किए जा सकते है। यदि आपके पर मे कोइ सदस्य कमजोर है या उसे कोइ बीमारी हैं शरीर कमजोर है तो उस व्यक्ति को प्रातः काल उठ कर सूर्य की रोशनी पड़ने देना चाहिए। इससे शरीर मे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकती है।
शास्त्रो मे कहा गया है की सूर्य उगने से पहले स्नान करना चाहिए। फिर सूर्य को पानी देकर सूर्य मंत्र जाप करे। इससे शरीर पुष्ट होता है। और आपका आत्मविश्वास भी बढ़ता है। और आपके ग्रह के दोष भी खत्म हो सकते है। रोज प्रातः काल उठ कर सूर्य देव को पानी देने के बाद 5 से 20 मिनट बैठ कर ओम भास्कराय नमः का जाप करे। इससे आपको सभी बीमारियों से मुक्ति मिल सकती है। आज हम आपको वेदों मे लिखे हुए कुछ मंत्र और उन मंत्रों के अर्थ बताने जा रहे है। जिसे आप प्रातः काल उठ कर सूर्य की रोशनी मे बैठ कर आपको वो मंत्र का जाप कुछ देर करने की जरूरत है। अथर्ववेद मे लिखा हुआ है।उघन्त्सूर्यो नुदतां मृत्युपाशान्।
अर्थात उगते हुए सूर्य की रोशनी मे मृत्यु के सभी कारणों को यानि की बड़ी से बड़ी बीमारी को नष्ट करने की क्षमता होती है। इसलिए सभी लोग को रोज सुबह उठ कर सूर्य की किरणों मे कुछ समय बिताने की जरूरत है। यदि आपके शरीर मे कोइ भी बीमारी है तो वो जल्द से जल्द नष्ट हो जाए। और आपका शरीर स्वस्थ रहे।
सूर्य की किरणों मे सात अलग-अलग प्रकार की ऊर्जा होती है। जिनमे सभी कामों को सफल करने की ऊर्जा होती है। इसलिए सूर्योदय के समय पूर्व दिशा की ओर मुंह करके ही उपासना करने की जरूरत है। और यही बेहतर उपाय भी है। सूर्य नमस्कार और पूजा , हवं ये सब शुभ होता है।