नई दिल्ली, 13 जनवरी (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के मुताबिक कृषि कानूनों को वापस लेने की शक्ति केंद्र सरकार के पास है, कोई पैनल इसे वापस नहीं करा सकता है। आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार से इन तीनों कानूनों को तत्काल वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों के साथ अब तक 8 दौर की बात हो चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका है।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं विधायक राघव चड्ढा ने कहा, किसानों को न्याय दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई कमेटी में शामिल चारों सदस्य कृषि कानूनों के समर्थक हैं। किसानों को कमेटी के सदस्यों से न्याय की उम्मीद नहीं है। कमेटी के सदस्य बीएस मान ने इन कृषि कानूनों का समर्थन किया है।
राघव चड्ढा ने कहा कि, बीते 50 दिन से देश के किसान, बड़े-बुजुर्ग, नौजवानों समेत लाखों लोग दिल्ली की दहलीज पर बैठे हैं। मोदी सरकार के तीनों काले कानूनों को वापस कराने और रद्द कराने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। बीते 50 दिनों में 67 से ज्यादा वीर किसानों ने शहादत दी है। इस संघर्ष में रोजाना एक से ज्यादा व्यक्ति की मौत हो रही है। हमने देखा कि सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश आया। तीन काले कानूनों के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने कुछ-कुछ बातें कहीं।
आम आदमी पार्टी और सीएम अरविंद केजरीवाल ने तीनों कानूनों को खारिज की मांग की है। आप के मुताबिक यह तीन काले कानून खारिज करने की शक्ति मोदी सरकार के पास है। मोदी सरकार ही यह तीन काले कानून खारिज कर सकती है। किसी के हस्तक्षेप की बिल्कुल भी कोई जरूरत नहीं है।
राघव चड्ढा ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट में यह मसला आया। भारत का संविधान कहता है कि पूरा देश तीन मजबूत स्तंभों पर खड़ा है। पहला स्तंभ विधानसभा या संसद है, जो कानून बना सकते हैं और बने हुए कानून को खारिज कर सकते हैं। दूसरा स्तंभ न्यायपालिका है। कानूनी तौर पर जो कानून वैध या अवैध हैं, अदालत उस पर अपना आदेश देती है। अदालत कानून खारिज नहीं करती है। तीसरा स्तंभ अफसरशाही है। अफसरशाही कानून को लागू करती है। तीनों का क्या काम है, यह भारत के संविधान में भलीभांति स्पष्ट तौर पर लिखा हुआ है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एएनएम
यदि आप भी दाल का सेवन करते हैं तो आप भी जान ले ये खबर… नहीं तो बाद में पछताओगे… खबर पढ़ने के लिए फोटो पर क्लिक करें⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️https://t.co/2LcIzd35ne
— LIVE HINDI KHABAR (@LIVEHINDIKHABAR) December 27, 2020