पटना, 13 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार में कांग्रेस के नए प्रभारी भक्त चरण दास अपने तीन दिवसीय दौरे के क्रम में नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर राज्य में पार्टी को मजबूत करने और खोई प्रतिष्ठा वापस लाने का दावा कर दिल्ली वापस चले गए। लेकिन, उनकी बैठकों में प्रदेश के दिग्गज नेताओं की अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
दास ने अपने तीन दिवसीय बिहार दौरे के क्रम में कांग्रेस के करीब सभी इकाईयों के नेताओं के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने पार्टी के विधायक, सांसदों और विधानसभा चुनाव में हारे प्रत्याशियों से भी मुलाकात कर पार्टी की राज्य में स्थिति और समस्याओं को जानने की कोशिश की।
वैसे, इन बैठकों में राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह और वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह जैसे कई दिग्गजों की गैरहाजिरी संगठन में गुटबाजी को हवा दे दी है। कांग्रेस के एक नेता भी नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहते हैं कि प्रभारी के समक्ष बैठकों में हंगामा, धक्का मुक्की क्या पार्टी में गुटबंदी को परिलक्षित नहीं करता। उन्होंने तो यहां तक कहा कि टिकट बंटने में जो खरीद फरोख्त हुई है, उससे कांग्रेस पूरी तरह प्रभावित हुई है।
इधर, पार्टी के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह से जब इस संबंध में आईएएनएस ने बात की तो उन्होंने कहा कि वे पटना में नहीं हैं। प्रभारी के आने की सूचना उन्हें देर से मिली। उन्होंने हालांकि यह भी माना कि प्रदेश में कांग्रेस कमजोर हुई है। विधानसभा चुनाव में हारे हुए कई प्रत्याशी भी प्रभारी से मिलने नहीं पहुंचे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा भी कहते हैं कि, यह कोई जरूरी नहीं की सभी बैठक में सभी नेता आ ही जाएं। उन्होंने कहा कि कई नेता पटना में नहीं होंगे। यह कोई मुद्दा नहीं है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि जितने लोग पटना में थे, सभी पहुंचे।
–आईएएनएस
एमएनपी/एएनएम
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