लाइव हिंदी खबर :- अक्सर आपने लोगों को यह बात कहते हुए देखा होगा या आपने अपनी जिंदगी में इसे अनुभव भी किया होगा कि महिलाओं के पेट में कोई बात नहीं पचती है। यानि कि महिलाएं किसी भी बात को अपने तक सीमित नहीं रख पाती है और वह उसका जिक्र लगभग सबके सामने कर देती हैं।
ऐसा कहा जाता है कि जब तक वे किसी बात को अन्य लोगों से शेयर नहीं कर लेती तब तक उन्हें चैन नहीं मिलता, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? इसकी वजह क्या है? आज आपके इन्हीं सवालों के जवाब हम देते हैं।
वैज्ञानिक रिसर्च से इस बात का खुलासा किया गया कि महिलाएं ज्यादा बोझ को सह नहीं पाती हैं। किसी भी बात को ज्यादा देर तक अपने मन में छिपाकर रखना उनके लिए किसी बोझ से कम नहीं है। इसी बोझ को कम करने के लिए वे हमेशा बातों को किसी दूसरे से शेयर करती हैं और खुद को हल्का महसूस करती हैं। इसके अलावा रिसर्च में एक और बात सबके सामने आई और वह ये कि महिलाएं अक्सर दूसरों का ध्यान अपनी ओर खींचने का प्रयास करती रहती हैं।
इसी के चलते वे अपनी बातों को लोगों के सामने इस तरीके से रखती हैं जिससे कि सामने वाले के दिमाग में सस्पेंस क्रिएट हो। बाद में इसी सस्पेंस के चक्कर में वे अपनी बातें दूसरों को बता देती हैं। ये तो रही वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बात अब अगर पौराणिक दृष्टिकोण की बात करेंगे तो ऐसी मान्यता है कि महिलाएं किसी बात को अपने तक सीमित युधिष्ठिर की वजह से नहीं रख पाती हैं।
दरअसल, युधिष्ठिर ने महिलाओं को शाप दिया था कि वे आज से कभी भी अपनी बात को पेट में नहीं पचा पाएंगी। ऐसा उन्होंने अपनी मां कुंती की वजह से किया था क्योंकि कुंती ने उन्हें अपने छठे पुत्र कर्ण के बारे में बताया नहीं था। इसी वजह से क्रोधित होकर उन्होंने महिलाओं को शाप दिया था।