लाइव हिंदी खबर :- अमेरिका की संसद में भारत पर लगाए गए टैरिफ को लेकर विरोध तेज हो गया है। तीन अमेरिकी सांसदों ने भारत से आने वाले सामान पर लगाए गए टैरिफ को हटाने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया है। सांसदों का कहना है कि यह टैरिफ न सिर्फ गैर-कानूनी हैं, बल्कि इसका सीधा नुकसान आम अमेरिकी नागरिकों को उठाना पड़ रहा है।

सांसदों ने कहा कि भारत अमेरिका का एक अहम रणनीतिक और आर्थिक साझेदार है। इसके बावजूद उस पर अतिरिक्त टैरिफ लगाना दोनों देशों के रिश्तों के लिए नुकसानदायक है। उनका तर्क है कि इन टैरिफ की वजह से रोजमर्रा की जरूरत की चीजें महंगी हो रही हैं, जिसका बोझ अमेरिकी उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है। खासतौर पर दवाइयों, ऑटो पार्ट्स, स्टील, टेक्सटाइल और आईटी से जुड़े उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
प्रस्ताव पेश करने वाले सांसदों ने यह भी कहा कि टैरिफ का उद्देश्य घरेलू उद्योग को बचाना बताया जाता है, लेकिन हकीकत में इससे अमेरिकी कंपनियों की लागत बढ़ रही है। कई अमेरिकी उद्योग भारत से सस्ता और गुणवत्ता वाला कच्चा माल व तैयार सामान मंगाते हैं। टैरिफ बढ़ने से उनकी प्रतिस्पर्धा क्षमता कमजोर हो रही है और नौकरियों पर भी खतरा मंडरा रहा है।
सांसदों का कहना है कि भारत जैसे लोकतांत्रिक और भरोसेमंद साझेदार के साथ व्यापारिक विवाद बातचीत के जरिए सुलझाए जाने चाहिए, न कि दबाव की नीति अपनाकर। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर टैरिफ नीति जारी रही, तो इसका असर अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी, इंडो-पैसिफिक सहयोग और वैश्विक सप्लाई चेन पर भी पड़ेगा। अब इस प्रस्ताव पर कांग्रेस में चर्चा होनी है। अगर इसे समर्थन मिलता है, तो बाइडेन प्रशासन पर भारत से जुड़े टैरिफ की समीक्षा और उन्हें हटाने का दबाव और बढ़ सकता है।