लाइव हिंदी खबर :- ईरान ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि वह लेबनान के सशस्त्र संगठन हिजबुल्लाह को इजराइल के खिलाफ हरसंभव समर्थन देता रहेगा। ईरानी अधिकारियों ने कहा है कि क्षेत्र में इजराइली कार्यवाही का मुकाबला करने के लिए हिजबुल्लाह को राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य मदद देना ईरान की रणनीति का हिस्सा है। उनका दावा है कि यह समर्थन प्रतिरोध धुरी को मजबूत करने के लिए जरूरी है।

ईरान का कहना है कि हिजबुल्लाह केवल लेबनान की रक्षा नहीं कर रहा, बल्कि पूरे पश्चिम एशिया में इजराइली प्रभाव और कथित आक्रामकता का विरोध कर रहा है। इसी वजह से ईरान बड़े पैमाने पर हथियार, फंडिंग और सैन्य प्रशिक्षण उपलब्ध करा रहा है। ईरानी बयान में यह भी कहा गया कि जब तक क्षेत्र में अन्याय और कब्जा जारी रहेगा, तब तक समर्थन भी जारी रहेगा।
दूसरी ओर इजराइल लंबे समय से ईरान पर हिजबुल्लाह को उकसाने और क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ाने का आरोप लगाता रहा है। इजराइली अधिकारियों का कहना है कि ईरान की मदद से हिजबुल्लाह की सैन्य ताकत बढ़ी है, जिससे सीमा पर तनाव और संघर्ष की आशंका बनी रहती है। अमेरिका और कुछ पश्चिमी देश भी ईरान पर हिजबुल्लाह को हथियार और पैसा देने को लेकर आपत्ति जताते रहे हैं।
ईरान का यह बयान ऐसे समय में आया है जब गाजा युद्ध और लेबनान-इजराइल सीमा पर झड़पों के कारण पूरा क्षेत्र पहले से ही तनाव में है। उनका मानना है कि ईरान का खुला समर्थन संघर्ष को और लंबा खींच सकता है। वहीं ईरान समर्थक खेमे का कहना है कि यह कदम इजराइल पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है। कुल मिलाकर ईरान के इस रुख से पश्चिम एशिया में शक्ति संतुलन और ज्यादा जटिल होता दिख रहा है और आने वाले समय में क्षेत्रीय हालात और तनावपूर्ण हो सकते हैं।