लाइव हिंदी खबर :- नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को बड़ी कानूनी राहत मिली है। दिल्ली की एक अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय की शिकायत को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यह मामला किसी एफआईआर से जुड़ा नहीं है, बल्कि निजी आरोपों के आधार पर आगे बढ़ाया गया था, इसलिए ईडी की शिकायत इस स्तर पर टिकाऊ नहीं है।

अदालत ने स्पष्ट किया कि जिस तरह से इस केस की शुरुआत हुई, वह आपराधिक जांच की सामान्य प्रक्रिया के अनुरूप नहीं है। कोर्ट के मुताबिक नेशनल हेराल्ड से जुड़ा विवाद मूल रूप से निजी शिकायत से उपजा था, न कि किसी आपराधिक प्राथमिकी (FIR) से। ऐसे में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को उसी आधार पर आगे बढ़ाना उचित नहीं माना जा सकता।
यह मामला यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुड़ा है, जो नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करती थी। ईडी का आरोप था कि यंग इंडियन के जरिए AJL की संपत्तियों पर अवैध तरीके से नियंत्रण हासिल किया गया। इस केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पहले भी कई बार पूछताछ हो चुकी है। कोर्ट के इस फैसले को कांग्रेस के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है।
पार्टी नेताओं का कहना है कि यह फैसला इस बात का प्रमाण है कि मामला राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित था। वहीं कानूनी जानकारों के अनुसार अदालत का यह आदेश आगे की जांच और अपील की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकता है। फिलहाल इस फैसले के बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी को तात्कालिक तौर पर बड़ी राहत मिली है, हालांकि यह देखना होगा कि ईडी इस आदेश को ऊपरी अदालत में चुनौती देती है या नहीं।