अगर आप भी इस्तेमाल करते है रेडीमेड फूड प्रोडक्ट्स तो खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

 

लाइव हिंदी खबर (हेल्थ कार्नर ) :-  रेडीमेड फूड प्रोडक्ट्स खरीदते वक्त हम कई बार उनकी पैकिंग पर दी गई जानकारी पर ध्यान नहीं देते हैं। इनमें कई ऐसी चीजें होती हैं जो हमारे शरीर को धीरे-धीरे बीमार बनाती हैं। इसलिए इन्हें खरीदते समय विशेष खयाल रखना चाहिए। डाइटीशियन बता रहीं हैं इससे जुड़े अहम पहलुओं के बारे में।

अगर आप भी इस्तेमाल करते है रेडीमेड फूड प्रोडक्ट्स तो खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

ट्रांसफैट को न करें नजरअंदाज –
स्नैक्स, बिस्किट, चिप्स व अन्य फ्राईड उत्पादों में अधिकतर ट्रांसफैट पाया जाता है। यह एक प्रकार की असंतृप्त (अनसैच्युरेटिड) वसा होती है जो वेजिटेबल ऑइल में हाइड्रोजनीकरण प्रक्रिया के द्वारा मिलाई जाती है। इसके प्रयोग से इन चीजों को अधिक समय तक सुरक्षित रखना आसान हो जाता है। ट्रांसफैट मोटापा, लिवर व हृदय संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। इसलिए इनका प्रयोग जहां तक संभव हो कम ही करें। कई बार पैकिंग पर अन्य प्रकार के फैट का जिक्र होता है लेकिन ट्रांसफैट का नहीं होता। ऐसे में पॉलीअनसैच्युरेटिड, मोनोअनसैच्युरेटिड व सैच्युरेटिड फैट के योग को पैकिंग पर दिए कुल फैट के योग से घटा देने पर प्राप्त अंतर ट्रांसफैट होगा।

एक्सपायरी डेट का रखें खयाल –
जिन खाद्य पदार्थों की एक्सपायरी डेट समाप्त हो चुकी हो उन्हें न खरीदें। ऐसे पदार्थ शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। कई बार टिन की पैकिंग में बंद प्रोडक्ट पर एक्सपायरी डेट सही लिखी होती है, लेकिन उसकी टिन फूली या पिचकी होती है। ऐसे उत्पाद मेंं फंगस हो सकता है। साथ ही जिन चीजों की पैकिंग थोड़ी भी खुली हो उन्हें लेने से परहेज करें।

अगर आप भी इस्तेमाल करते है रेडीमेड फूड प्रोडक्ट्स तो खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

कैमिकल करते हैं बीमार –
प्रिजर्वेटिव कैमिकल : कोई भी खाद्य पदार्थ प्रिजर्वेटिव के प्रयोग के बगैर लंबे समय तक सुरक्षित नहीं रखा जा सकता। प्रिजर्वेटिव कैमिकल्स व्यक्ति के शरीर को धीरे-धीरे बीमार करता है। इसके प्रयोग से शरीर को कैंसर व हृदय संबंधी रोग होने का खतरा बना रहता है।
टेस्ट इन्हैंसर : खाद्य पदार्थों का स्वाद बढ़ाने के लिए टेस्ट इन्हैंसर का भी प्रयोग किया जाता है जिससे मोटापा, याददाश्त में कमी, थायरॉइड, अनियमित माहवारी व पेट में अल्सर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
आर्टिफिशियल स्वीटनर : बाजार से खरीदे हुए जूस व फ्लेवर्ड मिल्क भी हमें बीमार करने का ही काम करते हैं। इनमेंं प्रिजर्वेटिव्स के साथ मिठास बढ़ाने के लिए आर्टिफिशिअल स्वीटनर का प्रयोग किया जाता है। लोगों में विशेषतौर पर बच्चों में बढ़ रही मोटापे व डायबिटीज की समस्या का एक बड़ा कारण ये भी हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top