लाइव हिंदी खबर :-होलाष्टक में विवाह, गर्भाधान, गृह प्रवेश, निर्माण, आदि शुभ कार्य वर्जित होता है।
दरअसल, फाल्गुन शुक्लपक्ष अष्टमी से फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तक की अवधि को होलाष्टक कहा जाता है। इस अवधि में तप करना ही अच्छा रहता है। होलाष्टक के शाब्दिक अर्थ पर जाएं तो होला+अष्टक अर्थात होली से पूर्व जो आठ दिन होता है, वह होलाष्टक कहलाता है।
यही कारण है कि होलाष्टक शुरू होने से होलिका दहन तक सभी शुभ कार्यों को टाल दिया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर इन दिनों कोई शुभ काम किया जाता है तो उसमें बार-बार विघ्न आती है। इसलिए इस दौरान शादी, नामकरण संस्कार, ग्रह प्रवेश और मांगलिक कार्यों को करने से मना किया जाता है।
वैज्ञानिक और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, होली के आठ दिन पूर्व अर्थात फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से प्रकृति में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो जाता है। यह अवधि ही होलाष्टक है। इस दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते।