लाइव हिंदी खबर :-भगवान शिव को औघड़ कहा जाता है। कहा जाता है कि शिव जितने भोले हैं, उनका गुस्सा भी उतना ही प्रलयंकारी है। कहा जाता है कि जिस दिन शिवजी ने अपनी तीसरी आंख खोल दी, उसी दिन दुनिया का अंत निश्चित है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति वर्ष भर कोई व्रत या उपवास नहीं रखता है, अगर वह महाशिवरात्रि का व्रत रखता है तो उसे पूरे वर्ष के व्रतों का पुण्य प्राप्त हो जाता है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर कई तरह के फूल चढ़ाए जाते हैं। माना जाता है कि इन फूलों को चढ़ाने से महादेव जल्द प्रसन्न हो जाते हैं।
भोलेनाथ पर चढ़ाए जाने वाले फूलों के अलग-अलग महत्व होते हैं। आइये जानते हैं कि भगवान शिव पर चढ़ने वाले किस फूल का क्या मतलब होता है…
मान्यता के अनुसार, भोलेनाथ पर धतूरे का फूल चढ़ाने से संतान की प्राप्ति होती है।
कहा जाता है कि शिवलिंग पर आकड़े का फूल चढ़ाने से आयु लंबी होती है।
मान्यता है कि शिवलिंग पर एक लाख बेलपत्र चढ़ाने से जिस चीज की कामना की जाती है, उसकी प्राप्ति होती है।
मान्यता है कि शिवलिंग पर गुड़हल का फूल चढ़ाने से शत्रु का नाश होता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भगवान शिव को बेल का फूल चढ़ाने से सुंदर व सुयोग्य पत्नी मिलती।
मान्यता है कि भगवना शिव को हरसिंगार के फूल अर्पित करने से घर में सुख-शांति आती है।