लाइव हिंदी खबर :-आपने अक्सर लोगों के हाथ, पांव या बच्चों की कमर या गले में काला धाग देखा होगा। लोगों के बीच यह मत है कि काले धागे को पहनने से बुरी नजर नहीं लगती है। नकारात्माक ऊर्जा दूर रहती है और किसी भी बुरी शक्ति का प्रभाव व्यक्ति विशेष पर नहीं होता है। लेकिन क्या केवल एक धागा पहन लेने से बुरी नजर से बचाव हो सकता है? क्या यह व्यक्ति के दुखों का नाश कर सकता है?
बुरी नजर से बचने के लिए लोग गले में, कलाई में, बच्चों की कमर पर धागा बांधते हैं। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार जन्म से ही बच्चे को काला धागा बांध दिया जाए तो उसे दुनिया की बुरी नजर से बचाया जा सकता है। बच्चा स्वस्थ रहता है और उसका आने वाला कल भी अच्छा होता है। लेकिन काले धागे और बुरी नजर के बीच का संबंध क्या है? क्या इसमें कोई सच्चाई है या फिर यह मारा एक अन्धविश्वास है।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार काला कपड़ा, काला धागा, काला रंग, तीनों में से एक का भी व्यक्ति के बदन पर स्पर्श हो जाने से वह बुरी नजरों से बच सकता है। माना जाता है कि हर व्यक्ति के आसपास सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ऊर्जा का वास होती है। सकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण कर उसे नकारात्मक ऊर्जा यानी बुरी नजर से बचना चाहिए, क्योंकि यह बुरी ऊर्जा उसे रोग, शोक और निराश भविष्य देती है।
इस नकारात्मक ऊर्जा से उसे काले धागे का काला रंग बचाता है, यह नकारात्मक को अपने भीतर समा लेता है। ऐसा भी कहा जाता है कि यदि व्यक्ति द्वारा पहना हुआ काला धागा धीरे-धीरे फीका पड़ने लगे तो इसका मतलब है कि उसके आसपास नकारात्मक ऊर्जा का वास बढ़ गया है जिसके प्रभाव को वह काला धागा अपने ऊपर ले रहा है।
लेकिन विज्ञान के अनुसार काला धागा पहनने के पीछे का लॉजिक बिलकुल अलग है। जिसके अनुसार मानव शरीर पंच तत्वों – जल, अग्नि, वायु, पृथ्वी और आकाश से मिलकर बना है। इन सभी तत्वों का हमारे शरीर में होना हमें स्थिर जीवन की प्राप्ति कराता है। इन ऊर्जाओं से हमारे शरीर का संचालन होता है। काला रंग इन्हीं ऊर्जाओं को हमारे शरीर में बनाए रखने में मदद करता है, इन्हें बाहर नहीं जाने देता है और बाहरी बुरी ऊर्जाओं को व्यक्ति से दूर रखने में सहयोग करता है।