लाइव हिंदी खबर :-हर कोई अपना सारा जीवन एक अच्छे साथी के संग व्यतीत करना चाहता है। इसके लिए वह भगवान से दिनों रात कामना करता है कि उसे मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त हो। उसकी यह इच्चार पूर्ण हो इसके लिए वह भगवान को खुश करने के विभिन्न उपाय भी करने लगता है। कोई मंदिरों में भगवान को प्रसन्न करने के लिए भोग-चढ़ावा देता है तो कोई सुबह-शाम मंदिर के दरबार में जाकर मत्था टेकता है।
कोई मनोकाना पूरी होने के लिए भगवान की भक्ति में दिन रात लीन रहता है। अगर आप भी चाहते हैं कि आपको मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति हो तो आपको भगवान शिव और पार्वती का स्मरण करना चाहिए। यह तभी संभव है जब आप भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा प्रत्येक सोमवार को करते हैं।
सोमवार का दिन भगवान शिव का माना जाता है। इस दिन लोग भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए मंदिर में जाकर भगवान का दर्शन करते हैं। भगवान शिव वरदान और न्याय के देवता माने जाते हैं। कहा जाता है कि अगर सोमवार को भगवान शिव व माता पार्वती की शुद्द मन से आराधना किया जाए तो उसकी इच्छा पूर्ति के अवश्य होती है।
सोमवार को व्रत रहने से होते हैं ये लाभ
1. सोमवारी व्रत से पारिवारिक तथा मानसिक शांति तो मिलती ही है साथ ही साथ सभी प्रकार के मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
2. व्रत से आर्थिक लाभ, सामाजिक प्रतिष्ठा, पारिवारिक शांति, वैवाहिक सुख, संतान लाभ, स्वास्थ लाभ तथा उन्नति की प्राप्ति होती है।
3. मान्यता के मुताबिक सोमवारी व्रत करने से मनचाहा जीवनसाथी मिलता है।
4. यदि पति और पत्नी के बीच क्लेश हो रहा है तो इस व्रत को करने से आपसी क्लेश दूर हो जाता है।
5. यदि बार बार प्रयास के बावजूद कार्यो में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है तो सोमवार का व्रत तथा पारद शिवलिंग पर जल अर्पण करने से शीघ्र ही कार्य सम्पन्न हो जाता है।
6. सोमवार का व्रत तथा शिवलिंग को विधि पूर्वक स्नान कराकर उस स्थान से जल का तीन बार आचमन करने से शारीरिक, वाचिक तथा मानसकि तीनों प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं।
7. सोमवारी व्रत करने से संतान को प्रतियोगिता में सफलता की प्राप्ति होती है।
8. इस व्रत को करने से मनुष्य के अंदर रहने वाले अहंकार रुपी पाप शीघ्र ही नष्ट हो जाते है तथा उसका मन सात्विक कार्यों में लगने लगता है।
सोमवार व्रत की विधि:
नारद पुराण के अनुसार सोमवार व्रत में व्यक्ति को प्रातः स्नान करके शिव जी को जल और बेल पत्र चढ़ाना चाहिए तथा शिव-गौरी की पूजा करनी चाहिए। शिव पूजन के बाद सोमवार व्रत कथा सुननी चाहिए। इसके बाद केवल एक समय ही भोजन करना चाहिए। साधारण रूप से सोमवार का व्रत दिन के तीसरे पहर तक होता है। मतलब शाम तक रखा जाता है। सोमवार व्रत तीन प्रकार का होता है प्रति सोमवार व्रत, सौम्य प्रदोष व्रत और सोलह सोमवार का व्रत। इन सभी व्रतों के लिए एक ही विधि होती है।