रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। इसदिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र (राखी) बांधती है और बदले में ताउम्र अपनी रक्षा करें का वचना लेती है। भाई भी पूरे मन से उसकी रक्षा करने के वायदे को स्वीकार करता है।
ज्योतिष परिणामों के अनुसार इस साल रक्षाबंधन पर भद्राकाल (अशुभ काल) नहीं है। यानी पर दिन ही शुभ समय रहेगा और बहनों को राखी बांधने के लिए शुभ समय का इन्तजार नहीं करना पड़ेगा। ज्योतिषियों की मानें तो इस साल रक्षाबंधन पर ‘धनिष्ठा नक्षत्र’ बन रहा है, जिसकी वजहा से बहाने देर शाम तक भी भाई को राखी बांध सकती हैं।
रक्षाबंधन पर भाई को राखी बांधने वाली बहनों को खास थाली सजानी चाहिए। इस थाली में सभी महत्वूर्ण चीजें होनी चाहिए, आइए जानते हैं कि रक्षाबंधन की थाली में क्या चीजें होनी चाहिए और इनके होने के पीछे का मकसद क्या है।
1. भाई के लिए राखी: रक्षाबंधन की थाली में सबसे महत्वपूर्ण वस्तु होती है भाई को बांधी जाने वाली राखी। इस राखी में लाल धागे का इस्तेमाल जरूर होना चाहिए। धार्मिक मान्यता अनुसार लाल धागा या कलावा शुभ माना जाता है। इसे कलाई पर बांधने से बुरी ऊर्जा से बचाव होता है। विज्ञान के अनुसार कलाई पर लाल धागा बांधने से यहां की नसों को भी फायदा मिलता है।
2. तिलक और अक्षत: रक्षाबंधन की थाली में तिलक लगाने के लिए कुमकुम और उसके बाद उसके ऊपर लगाने के लिए थोड़ा अक्षत (चावल) भी रखना चाहिए। माथे के जिस स्थान पर तिलक लगता है उसे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। तिलक के बाद अक्षत लगाना शांति का प्रतीक होता है।
3. नारियल: हिन्दू धर्म में कोई भी धार्मिक कार्य नारियल के बिना अधूरा माना जाता है। रक्षाबंधन पर पूजा की थाली में कटे हुए नारियल के कुछ टुकड़े जरूर रखें। यह नारियल पवित्रता का प्रतीक होता है।
4. सिर पर रखने के लिए रुमाल या टोपी: राखी बांधते समय भाई और बहन दोनों का सिर ढका होना चाहिए। धार्मिक रूप से भी शुभ कार्य करते समय सिर ढकने का रिवाज होता है।
5. मिठाई: बाजार से लाई हुई मिठाई या फिर आप खुद भी अपने से कोई मीठा व्यंजन बनाकर थाली में सजाएं और राखी बांधने के बाद भाई को मीठा खिलाएं। इस मिठास से भाई-बहन का रिश्ता भी खुशियों से भरा रहता है।
6. घी का दीपक: पूजा की थाली में दिया रखना ना भूलें। राखी बांधने से ठेके पहले इसे जलाएं और राखी बांधने के बाद इससे भाई की आरती उतारें। हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि आरती करने से सभी ‘बलाएं’ (भविष्य में आने वाली बुराइयां) दूर हो जाती हैं।